केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ( RCP Singh) चाहे लाख सफाई दें कि जेडीयू में ऑल इज वेल है, लेकिन ऐसा दिख नहीं रहा. जमुई में एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने आए केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के साथ तो न तो जमुई के जिलाध्यक्ष नजर आए और न ही जमुई जिला में जेडीयू के एक मात्र झाझा से विधायक दामोदर रावत. आरसीपी सिंह का भले ही ये निजी कार्यक्रम हो, लेकिन मीडिया का जमावड़ा लगना लाजिमी था. मीडिया ने जब सवाल दागने शुरू किए तो वो तिलमिला गए. उनको ये भी नहीं पता कि वो जेडीयू में हैं या नहीं. सारे सवालों का जवाब वो मीडिया से ही जानना चाहते थे. कार्यक्रम के बाद मीडिया से बचते हुए वो निकलना चाह रहे थे, लेकिन जब रोककर उनसे सवालों का दौर प्रारंभ हुआ तो वो बौखला गए.
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पहले सवाल पर कि जेडीयू में ऑल इज वेल है या नहीं, कहा कि जब राजनीति दौरे पर आएंगे तो जवाब देंगे. फिर सवाल कि आप जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे इस पर भी कुछ नहीं कहा. ये पूछे जाने पर कि आप जेडीयू में हैं कि नहीं तो कहा आपको पता है न, उन्होंने कहा कि मुझे भी पता नहीं वो जेडीयू में हैं या नहीं. बंगला खाली कराने के सवाल पर कहा कि वो संजय गांधी के घर में रहते थे और उनका घर मुस्तफापुर मालती है.
नीतीश कुमार के हनुमान कहे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो किसी का हनुमान नहीं, बल्कि उनका नाम रामचंद्र है, इसको सुधार लीजिए कि वो किसी के हनुमान हैं. मैं किसी का हनुमान नहीं हूं. नीतीश से बेरुखी पर भी उन्होंने कहा कि आप ज्यादा जानते होंगे. उन्होंने मीडिया पर ये भी सवाल उठाया कि उनसे ये सब सवाल पूछने किसी ने भेजा होगा.