Bihar Politics: नीतीश के बेटे निशांत का राजनीति में आना तय! हरनौत विधानसभा सीट से लड़ सकते हैं चुनाव

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में इस साल सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होना है. इस चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत की राजनीति में एंट्री को लेकर सियासी चर्चाओं का दौर चल रहा है.

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Nitish's Son Nishant in Bihar Politics: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. चुनाव को लेकर प्रदेश की राजनीति का सियासी रंग धीरे-धीरे चढ़ता जा रहा है. इस समय बिहार की राजनीति में सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत को लेकर कई तरह की चर्चा है. बीते कुछ दिनों में निशांत की सक्रियता बढ़ी है. जिसके बाद निशांत को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है. इस बीच अब अंदरखाने से जो खबर छन कर आ रही है, उसके अनुसार नीतीश कुमार के बेटे निशांत का राजनीति में आना लगभग तय है. निशांत नालंदा जिले की हरनौत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. हरनौत विधानसभा सीट जदयू का गढ़ माना जाता है. नीतीश ने अपने चुनावी सफर का आगाज इसी हरनौत सीट से किया था. 

यूं तो अपने परिवार के सदस्यों को राजनीति में नहीं आने देना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ी राजनीतिक पूँजी मानी जाती है. लेकिन शायद उनके परिवार के सदस्यों के दबाव में नीतीश कुमार के इकलौते पुत्र निशांत कुमार का चुनावी राजनीति में आना तय माना जा रहा है. आगामी विधानसभा चुनाव में निशांत नालंदा के हरनौत विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं.

नीतीश के बेटे निशांत के हालिया बयानों से उनके राजनीति में एंट्री की चर्चा को बल मिला है. निशांत ने पिता के स्वास्थ्य के साथ-साथ जदयू को अधिक सीटें देने की अपील की है. 

निशांत बोले- सीटें बढ़ाएं, ताकि पिता जी विकास का काम जारी रखें 

निशांत ने हाल ही में कहा, "पिताजी ने विकास किया है. पिछली बार आप लोगों ने 43 सीट दी, तब भी उन्होंने विकास का काम जारी रखा. इस बार सीट बढ़ाएं ताकि पिताजी विकास का काम आगे भी जारी रखें. निशांत कुमार ने भाजपा के रणनीतिकारों से यह आग्रह किया कि वे उनके पिता के नाम की घोषणा सीएम के रूप में करें.

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राजद, लोजपा की तरह ही निशांत बनेंगे जदयू के राजनीतिक उतराधिकारी

दरअसल निशांत को सक्रिय करने के पीछे नीतीश कुमार से अधिक उनके परिवार के सदस्यों की राजनीतिक इच्छा हैं कि निशांत अपने पिता के सक्रिय रहते उनके राजनीतिक उतराधिकारी बने. जैसा राष्ट्रीय जनता दल और लोक जनशक्ति पार्टी में हुआ. राजद में लालू यादव की तबीयत बिगड़ने पर तेजस्वी यादव ने पार्टी की कमान संभाली. दूसरी ओर लोजपा में रामविलास पासवान के बाद चिराग ने पार्टी की कमान संभाली. इससे पार्टी सुप्रीमो के अस्वस्थ होने पर भी पार्टी बिखड़ने से बची.

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मंत्री विजय चौधरी- नीतीश का फैसला होगा सर्वमान्य

नीतीश के बेटे निशांत की राजनीतिक एंट्री से जुड़े सवाल पर गुरुवार को मंत्री विजय चौधरी ने समस्तीपुर में कहा, इसमें किसी को ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है. नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड पार्टी को खड़ा किया है. वो पार्टी के सर्वमान्य नेता हैं. पार्टी का आगे क्या होगा, इसका फैसला नीतीश ही लेंगे. उनका फैसला सर्वमान्य होगा".

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बीते दिनों नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी निशांत की राजनीति में आने के चर्चाओं का स्वागत किया था. तेजस्वी ने कहा था निशांत हमारे भाई हैं. हम तो चाहेंगे कि वो अपना घर भी बसाए. फिलहाल निशांत की सक्रियता से साफ़ हैं कि वो अब खुलकर राजनीति के मैदान में हैं. लेकिन इस संबंध में आख़िरी मुहर नीतीश कुमार लगायेंगे.

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हरनौत जदयू का अभेद किला

नीतीश के बेटे निशांत के हरनौत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है. नालंदा का हरनौत विधानसभा सीट जदयू का अभेद किला माना जाता है. नीतीश कुमार ने भी अपना राजनीतिक सफर यहीं से शुरू किया था. इस समय हरनौत विधानसभा सीट से जदयू के हरिनारायण सिंह विधायक हैं. हरिनारायण यहां से लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं. 1995 से अभी तक हरनौत से हर बार जदयू (पूर्व में समता पार्टी) के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है.

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