बिहार के मधुबनी (Madhubani Massacre) जिले में होली के दिन पांच लोगों की हत्या के मामले में पुलिस (Bihar Police) को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत छह लोगों को भारत-नेपाल सीमा के पास से गिरफ्तार किया गया है.इस मामले में बिहार में सियासत काफी गर्माई हुई थी और इसे जातीय संघर्ष का नाम भी दिया जा रहा था. पुलिस आरोपियों की तलाश लगातार कई ठिकानों पर दबिश दे रही थी.
मधुबनी के पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश ने गुरुवार को जानकारी दी कि बिस्फी थाना क्षेत्र के एक गांव से हत्याकांड के मास्टरमाइंड प्रवीण झा समेत 6 लोगों को दबोचा गया है. गौरतलब है कि 29 मार्च को होली के दिन हमलावरों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर और धारदार हथियार से हमला कर BSF में तैनात राणा प्रताप सिंह, रणविजय सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ बीरू सिंह, अमरेंद्र सिंह एवं रुद्र नारायण सिंह की हत्या कर दी थी. मामले में गंभीर रूप से जख्मी मनोज सिंह का इलाज पटना मेडिकल कालेज अस्पताल में चल रहा है.
एसपी ने इस वारदात का कारण एक तालाब से मछली पकड़ने को लेकर विवाद बताया था. जबकि मीडिया के एक वर्ग में इसे सामूहिक हत्या की संज्ञा देते हुए दो प्रमुख जातियों (ब्राह्मणों और राजपूतों) के बीच क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर संघर्ष बताया गया. विपक्षी राजद ने नीतीश कुमार सरकार पर हमला करते हुए दावा किया था कि पुलिस हत्यारों को बचाने की कोशिश कर रही है. राजद का कहना है कि उन्हें एक शक्तिशाली स्थानीय बीजेपी नेता का संरक्षण प्राप्त है.
राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव (RJD leader Tejashwi Prasad Yadav) ने ट्वीट किया था कि वह प्रशासन और अपराधियों के बीच मिलीभगत का खुलासा करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि इससे 10 मिनट पहले ही पुलिस ने गिरफ्तारियों की घोषणा की. यही विपक्ष की ताकत है. तेजस्वी यादव इससे पहले 6 अप्रैल को मधुबनी जाकर मृतक के परिवार के सदस्यों से मिले थे.