SDG की रिपोर्ट के अनुसार सबसे निचले पायदान पर बिहार, आधी आबादी निर्धन : संसद में सरकार

संसद में दिए गए लिखित उत्तर के अनुसार, बिहार में पांच साल से कम उम्र के 42 प्रतिशत बच्चे छोटे कद के या अविकसित हैं और यह आंकड़ा देश में सर्वाधिक है. वहीं राज्य में 15 साल और उससे अधिक आयु के वर्ग में साक्षरता सबसे कम है. मंत्री ने ऐसे कुछ अन्य कारण भी गिनाये.

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जदयू सदस्य राजीव रंजन सिंह ने पूछा था कि क्या नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है?
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों की भारत सूचकांक रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार बिहार का समग्र स्कोर सभी राज्यों में सबसे कम है. सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में राजीव रंजन सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

जदयू सदस्य राजीव रंजन सिंह ने पूछा था कि क्या नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है? मंत्री ने अपने उत्तर में कहा कि नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों की भारत सूचकांक रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार बिहार का समग्र स्कोर सभी राज्यों में सबसे कम (100 में से 52) है.

उन्होंने कहा कि 16 एसडीजी में 115 संकेतकों के आधार पर सूचकांक तैयार किया गया है. मंत्री के अनुसार एसडीजी भारत सूचकांक रिपोर्ट में बिहार को सबसे कम अंक मिलने के कुछ प्रमुख कारणों में राज्य की बड़ी आबादी (33.74 प्रतिशत) का गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करना और 52.5 प्रतिशत जनसंख्या का बहुआयामी निर्धनता से प्रभावित होना है.

संसद में दिए गए लिखित उत्तर के अनुसार, बिहार में पांच साल से कम उम्र के 42 प्रतिशत बच्चे छोटे कद के या अविकसित हैं और यह आंकड़ा देश में सर्वाधिक है. वहीं राज्य में 15 साल और उससे अधिक आयु के वर्ग में साक्षरता सबसे कम है. मंत्री ने ऐसे कुछ अन्य कारण भी गिनाये.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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