- बिहार में महागठबंधन के दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर गंभीर खींचतान जारी है जो अभी तक हल नहीं हो पाई है
- सिंबल वापसी और सीट चयन को लेकर गठबंधन दल आपस में बातचीत कर रहे हैं लेकिन विवाद बरकरार है
- सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल आरजेडी नेतृत्व के संपर्क में हैं और बातचीत चल रही है
बिहार में सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में अभी खींचतान जारी है. सिंबल वापसी से लेकर सीट के चयन को लेकर दल आपस में बातचीत करने में जुटे हैं. सूत्रों ने बताया कि कुछ सीटों पर गठबंधन दलों में मुश्किल आई है. यही नहीं, आज भी महागठबंधन में सीट बंटवारा मुश्किल ही लग रहा है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के बड़े नेता आरजेडी से संपर्क में है. जानकारी के अनुसार केसी वेणुगोपाल आरजेडी नेतृत्व के संपर्क में हैं. कांग्रेस-आरजेडी में सीटों की संख्या से ज़्यादा सीटों की चॉइस पर खींचतान हो रही है. दोपहर के बाद वाम दलों के साथ आरजेडी की बैठक होनी है. शाम तक सहमति बनने की कोशिश होगी.
क्यों नहीं बन रही है सहमति?
बताते चलें कि महागठबंधन के सीटों का आंकडों पर लगभग बात बन गई है.यह तय हुआ है कि आरजेडी 135 सीट पर लड़ेगी,कांग्रेस 61 सीट,मुकेश सहनी की वीआईपी 16 सीट,वामपंथी दल जिसमें माले,सीपीआई और सीपीएम है को 31 सीटें दी गई है.यहां सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि अभी भी कुछ सीटों पर कौन लड़ेगा इस पर सहमति नहीं बन पा रही है.
जैसे आरजेडी की कब्जे वाली कुछ सीट पर कांग्रेस दावा कर रही है तो कांग्रेस के कब्जे वाली कुछ सीटों पर आरजेडी और वही हाल माले और अन्य वामदलों का भी है. दिल्ली में जो बैठक तेजस्वी यादव की हुई उसमें खरगे और राहुल शामिल नहीं हुए,फोन पर शायद जरूर राहुल की बात तेजस्वी से हुई हो.हां तेजस्वी की मुलाकात कांग्रेस नेता वेणुगोपाल से जरूर हुई है.
उपमुख्यमंत्री के पद पर भी नहीं बन रही है बात
महागठबंधन में निर्णय ये लिया गया है कि उपमुख्यमंत्री का नाम चुनाव के बाद तय होगा.मुकेश सहनी के उपमुख्यमंत्री के दावे पर यह तर्क दिया गया कि यदि मल्लाह जाति से उपमुख्यमंत्री की घोषणा अभी कर दिया गया तो बाकी अति पिछड़ी जातियां नाराज हो जाएगीं.इस लिए उपमुख्यमंत्री के मसले को छोड़ दिया गया.इस मसले पर सबसे अधिक कांग्रेस को एतराज था कि गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी वो हैं तो कायदे से उपमुख्यमंत्री का पद उनको जाना चाहिए.यह भी तय हुआ कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन का चेहरा होंगे और उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा और एक दो दिनों में इसकी घोषणा भी कर दी जाएगी.