रंगों के पर्व होली पर देश में अलग ही उल्लास-उमंग का माहौल होता है. होली पर रंग खेलते हुए लोग द्वेष और आपसी बैरभाव को भुला देते हैं और जमकर मस्ती करते हैं. बृज की लट्ठमार होली और शिव नगरी वाराणसी की चिता-भस्म की होली देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग इन स्थानों पर पहुंचते हैं. बिहार के सहरसा जिले के बनगांव में उमंग और उत्साह से होली खेली गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. गांव के लोग बताते हैं कि होली की यह अनोखी परंपरा 18वीं सदी में संत लक्ष्मीनाथ गोसाईं ने शुरू की थी. तब से आज तक यह परंपरा चलती आ रही है.
वनगांव की होली के वायरल वीडियो में युवकों को जमकर थिरकते और मौजमस्ती करते हुए देखा जा सकता है. ये लोग अपने टोले में घुमते हैं और फिर आसपास के चिन्हित चार बंगले में से किसी एक पर जमा होते हैं. उसके बाद सब एकजुट हो भगवती स्थान के लिए निकल पड़ते हैं, जहां चार बंगले से आए सभी युवाओं का मिलन होता है. यहां पर ये सभी मिलकर घंटों होली खेलते हैं. मंदिर के ऊपर से पानी का फव्वारा चलता रहता है.
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