राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व विधान पार्षद के बेटे मोहम्मद असफर अहमद को यहां एक थाने के अंदर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बदसलूकी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि असफर अहमद ने अपने समर्थकों के साथ, पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) अशोक कुमार और पीरबहोर पुलिस थाना के प्रभारी (एसएचओ) सबीह-उल-हक के साथ कथित रूप से तब दुर्व्यवहार किया, जब उन्होंने एक स्थानीय दुकानदार को पुलिस हिरासत से शुक्रवार को रिहा करने से इनकार कर दिया. पटना नगर निगम के पूर्व पार्षद असफर, राजद के पूर्व विधान पार्षद अनवर अहमद के बेटे हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘असफर अहमद ने पुलिसकर्मियों के साथ कथित तौर पर बदसलूकी की और गालियां दीं, जब उन्होंने मोहम्मद सरफराज को रिहा करने पर एतराज जताया. सरफराज को गुरुवार रात पुलिस की एक टीम पर हमला करने से संबंधित एक मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था. हमला में एक कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गया था. उन्होंने कहा कि असफर को पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. एसएसपी ने कहा कि इस बीच, असफर के पिता अनवर अहमद भी थाना पहुंचे और अपने बेटे की रिहाई की मांग करने लगे.
इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘क्या यह जंगल राज नहीं है? सत्तारूढ़ दल के नेता राज्य में सरकारी अधिकारियों को धमका रहे हैं और उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री का दावा है कि राज्य में ‘जंगल राज' नहीं है. हालांकि, राजद के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अनवर अहमद अब राजद से नहीं जुड़े हैं. करीब सात साल पहले उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए राजद से निष्कासित कर दिया गया था. बिहार में कानून-व्यवस्था बनाए रखना महागठबंधन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.