बिहार सरकार ने रविवार को बीरपुर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के उत्तरी और मध्य भागों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है. केवल बीरपुर बैराज ही नहीं बल्कि नेपाल में भी भारी बारिश के कारण रविवार सुबह कोसी बैराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जानकारी के मुताबिक 1968 के बाद यब अब तक का सबसे अधिक पानी छोड़ा गया है. बिहार के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति होने के कारण जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं. ऐसे में बिहार जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने लोगों से भी सतर्क रहने की अपील की है.
पानी छोड़े जाने से 13 जिलों के 16.28 लाख से अधिक लोगों की स्थिति और खराब हो सकती है, जो पहले से ही भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से प्रभावित है. इसी तरह गंडक नदी पर बने वाल्मीकिनगर बैराज से शनिवार शाम को सात बजे तक 5.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. 2003 में छोड़े गए 6.39 लाख क्यूसेक के बाद यह इस बैराज से छोड़ा गया अब तक का सबसे अधिक पानी है. ऐसे में एहतियात बरतते हुए कोसी बैराज के आस-पास यातायात सेवा को रोक दिया गया है.
अधिकारी ने कही ये बात
एक अधिकारी ने कहा, "जल संसाधन विभाग की टीमें 24 घंटें तटबंधों की निगरानी कर रही है ताकि खतरे की स्थिति दिखने पर तुरंत एक्शन लिया जा सके. विभाग के तीन अधीक्षण, 17 अधिशासी अभियंता, 25 सहायक अभियंता और 45 अभियंता नियमित रूप से 24 घंटे काम कर रहे हैं." वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "पिछले दो-तीन दिनों से लगातार बारिश के बाद राज्यभर में गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा और गंगा नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. नेपाल में नियमित रूप से हो रही बारिश की वजह से सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियां खतर के स्तर को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं."
गंडक बैराज से छोड़ा गया 5.40 लाख क्यूसेक पानी
उन्होंने बताया कि नेपाल के अधिकारियों ने शनिवार शाम सात बजे तक गंडक बैराज में 5.40 लाख क्यूसेक पानी और कोसी बैराज में 4.99 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है. अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों बैराजों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नदी का अतिरिक्त पानी पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया और कई अन्य जिलों के निचले इलाकों में घुस गया है. बिहार के कई जिलों के लिए पहले से ही अलर्ट जारी कर दिया गया है क्योंकि आईएमडी ने भारी बारिश की भविष्यवाणी की है और राज्य के कुछ हिस्सों में अचानक बाढ़ के खतरे की चेतावनी भी दी है.
इन जिलों में बाढ़ आने की संभावना
पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सितामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी और भोजपुर जिलों में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग के मुताबिक यहां पर बाढ़ आने की संभावना है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जिला प्रशासन को अलर्ट रहने और पूर्वानुमान के मद्देनजर निवारक उपाय करने के लिए कहा है.
इन जिलों में मूसलाधार बारिश की संभावना
अधिकारियों ने बताया कि बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर समेत गंगा के किनारे बसे करीब 13 जिलों में पहले से ही बाढ़ जैसी स्थिति है और मूसलाधार बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले करीब 13.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों से बड़ी संख्या में लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. (इनपुट भाषा से भी)