बिहार पुलिस (Bihar Police) ने शुक्रवार को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए सारण जहरीली शराब कांड (spurious liquor case) के सिलसिले में मुख्य आरोपी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है. सारण के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि राज्य पुलिस द्वारा गठित एक विशेष जांच दल ने एक होम्योपैथी कंपाउंडर को पकड़ा, जो जहरीली शराब त्रासदी का कथित तौर पर मास्टरमाइंड था. इस जहरीली शराब कांड में 38 लोगों की जान चली गई थी.
कुमार ने कहा, ‘‘पुलिस ने एक वाहन जब्त किया है, जिसका इस्तेमाल उत्तर प्रदेश से रसायन लाने और सारण में मसरख एवं उसके आसपास शराब की आपूर्ति करने के लिए किया जाता था. नकली शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायनों की खाली बोतलें भी बरामद की गईं.'' एसआईटी ने इस मामले में पहले नौ लोगों को गिरफ्तार किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआती जांच में पता चला कि मास्टरमाइंड (मुख्य आरोपी) अपने साथियों की मदद से होम्योपैथी दवा और चीनी मिलाकर नकली शराब बनाता था. वे (आरोपी) सारण जिले के कई इलाकों में अपने विक्रेताओं या सहयोगियों के माध्यम से अवैध शराब की आपूर्ति करते थे.''पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वे सारण जिले में होम्योपैथी दवाओं से बनी नकली शराब की आपूर्ति करते थे और एक आरोपी ने भी इसी शराब का सेवन किया था, लेकिन इलाज के बाद वह बच गया.इस बीच, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए इस आरोप का खंडन किया कि सारण जिले के एक पुलिस थाने में रखी ‘स्पिरिट' जहरीली शराब कांड के लिए जिम्मेदार थी.