- बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में एनडीए को 43 फीसदी और महागठबंधन को 41 फीसदी सीटें मिलने का अनुमान.
- जातिगत वोटिंग में एनडीए को कुर्मी और ब्राह्मण सहित ओबीसी और सामान्य वर्ग से अधिक समर्थन मिला है.
- पहली बार वोट देने वाले युवाओं में महागठबंधन को 46 फीसदी और एनडीए को 37 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है.
बिहार में हुए चुनाव के नतीजों को आने में अब बस कुछ घंटों का समय रह गया है. 14 नवंबर को जो नतीजे आएंगे उससे पहले आ रहे एग्जिट पोल राज्य में अगली सरकार की तस्वीर का एक अनुमान पेश करते हैं. बुधवार को भी एग्जिट पोल के जो नतीजे आए हैं, उसमें भी एनडीए की सरकार बनने का अनुमान जताया गया है. एक्सिस माई इंडिया की तरफ से जो सर्वे हुआ है उसमें न सिर्फ एनडीए की सरकार बनती हुई नजर आ रही है बल्कि उसके वोट शेयर में भी इजाफा हुआ है. एक नजर डालिए कि एक्सिस माई इंडिया के नतीजे आने वाले नतीजों को लेकर क्या भविष्यवाणी करते हैं.
इस बार है करीबी मुकाबला
एक्सिस माई इंडिया के अनुसार इन चुनावों में एनडीए और महागठबंधन के बीच करीबी मुकाबले का अनुमान लगाया जा रहा है. बीजेपी और जेडीयू की अगुवाई वाले एनडीए को इन चुनावों में 43 फीसदी सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं. वहीं आरजेडी और कांग्रेस की अगुवाई वाले महागठबंधन को 41 फीसदी सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं. जबकि प्रशांत किशोर यानी पीके की जन सुराज पार्टी को 4 फीसदी और बाकी 12 फीसदी के आंकड़ें तक पहुंचते दिख रहे हैं.
जातिगत वोट्स में क्या
अगर हम बात करें कि किसने किसको कितने वोट दिए तो NDA को 15 फीसदी SC वोट मिले है, EBC के 58 फीसदी, 63 फीसदी ओबीसी, सामान्य वर्ग के 65 फीसदी वोट मिले हैं. जबकि 6 फीसदी यादव और 8 फीसदी मुस्लिम वोट भी एनडीए के खाते में आए हैं. वहीं एसटी वोट्स भी 56 फीसदी मिलते हुए नजर आ रहे हैं. NDA को सबसे ज्यादा 68 फीसदी कुर्मी वोट्स मिले हैं जबकि ब्राह्मण वोट 64 फीसदी और 60 फीसदी भूमिहार वोट मिले हैं. अब महागठबंधन की बात करें तो 29 फीसदी एससी वोट, 26 फीसदी EBC, 19 फीसदी OBC, यादवों के वोट 90 फीसदी, मुस्लिम 79 फीसदी और 56 फीसदी एसटी वोट मिलते हुए नजर आ रहे हैं.
तेजस्वी पर फर्स्ट टाइम वोटर्स का भरोसा
अब एजवाइस आंकड़ें देखे तों फर्स्ट टाइम वोटर्स यानी 18 से 19 साल के वोटर्स सिर्फ 37 फीसदी वोटर्स एनडीए के साथ जाते दिख रहे हैं. जबकि 46 फीसदी वोटर्स महागठबंधन के साथ खड़े नजर आते हैं. जनसुराज पार्टी के साथ सिर्फ 6 फीसदी फर्स्ट टाइम वोटर्स नजर आ रहे हैं. 20 से 29 साल के वोटर्स को लुभाने में भी एनडीए कमजोर रहा है और 37 फीसदी वोट उसे मिलते हुए नजर आ रहे हैं.
वहीं महागठबंधन के खाते में 44 फीसदी वोट्स जाते हुए नजर आ रहे हैं. एनडीए को सबसे ज्यादा वोट यानी 51 फीसदी वोट्स ऐसे वर्ग के मिले हैं जिनकी उम्र 70 साल या इससे ज्यादा है. जबकि महागठबंधन को इस उम्र के सिर्फ 35 फीसदी वोट्स ही मिलते नजर आ रहे हैं.
जहां 43 फीसदी शहरी वोटर्स ने NDA को पसंद किया तो वहीं 44 फीसदी ग्रामीण वोटर्स NDA के साथ जाते हुए नजर आए. इसी तरह से महागठबंधन को 41 फीसदी शहरी और 42 फीसदी ग्रामीण वोटर्स के वोट मिलते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं जनसुराज के साथ 5 फीसदी शहरी तो 4 फीसदी ग्रामीण वोटर्स खड़े नजर आ रहे हैं.
तेजस्वी पर बेरोजगारों का भरोसा
एक्सिस माई इंडिया के अनुमान पर अगर यकीन करें तो 49 फीसदी बेरोजगार युवाओं की पसंद महागठबंधन बना है जबकि NDA को इस वर्ग के 34 फीसदी वोट्स ही मिलते दिख रहे हैं. किसानों के बीच वोटिंग का अनुमान काफी दिलचस्प है. 42 फीसदी किसान NDA के साथ तो 43 फीसदी किसान महागठबंधन के साथ जाते हुए नजर आ रहे हैं. जबकि 48 फीसदी हाउसवाइव्स NDA के साथ तो 37 फीसदी महागठबंधन के साथ हैं. प्रशांत किशोर बेरोजगार युवाओं को लुभाने में नाकामयाब रहे हैं. सिर्फ 6 फीसदी बेरोजगार युवा ही जन सुराज के साथ जाते हुए नजर आ रहे हैं.
NDA पर यकीन करतीं महिलाएं
एक्सिस माई इंडिया के आंकड़ों पर अगर यकीन करें तो 41 फीसदी पुरुषों ने NDA को वोट देना पसंद किया तो 45 फीसदी महिलाएं NDA के साथ जाती हुई नजर आ रही हैं. वहीं महागठबंधन ने 42 फीसदी पुरुषों को अपने वादों से लुभाया है तो वहीं सिर्फ 40 फीसदी महिलाएं ही उसके वादों पर यकीन कर सकी हैं. जबकि जनसुराज को 5 फीसदी पुरुष और 3 फीसदी महिलाओं के वोट मिलते नजर आ रहे हैं.













