- बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने लगभग दो सौ सीटों के पार जाकर नया इतिहास रच दिया है.
- एनडीए में बीजेपी, जेडीयू, लोक जनशक्ति पार्टी, हम और आरएलएम शामिल हैं और सभी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया.
- चिराग पासवान ने डिप्टी सीएम पद से इनकार करते हुए कहा कि गठबंधन में हर दल की भूमिका महत्वपूर्ण है.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और इस जीत में एनडीए गठबंधन ने नया इतिहास रच दिया है. रूझानों पर अगर यकीन करें तो एनडीए इस बार चुनाव में 200 का आंकड़ा पार करता हुआ नजर आ रहा है. इस गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी, नीतीश कुमार की अगुवाई वाला जेडीयू, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हम और आरएलएम शामिल हैं. बीजेपी और जेडीयू ने जहां सीटें जीतकर धमाका कर दिया है तो वहीं चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) इस बार चुनाव में 'डार्क हॉर्स' साबित हुई है. एग्जिट पोल के नतीजों से अलग चिराग की पार्टी 20 से ज्यादा सीटों के साथ सत्ता में आ रही है. चुनाव के बाद क्या चिराग डिप्टी सीएम बनेंगे या वह जेडीयू के बिना सरकार बनाकर सीएम बनेंगे, ऐसे तमाम सवालों के जवाब खुद पार्टी के मुखिया चिराग ने NDTV के साथ एक खास बातचीत में दिए.
पीएम मोदी और सीएम नीतीश को श्रेय
चिराग से जब पूछा गया कि वह इस जीत का श्रेय किसे देंगे तो उन्होंने जवाब दिया, 'इसका श्रेय बिहार की जनता को जाता है जिसने सही समय पर सही फैसला लिया, पीएम मोदी को जाता है, उन्होंने जिस सोच के साथ इस गठबंधन को लीड किया. मुख्यमंत्री जी को जाता है जिनके अनुभव ने गठबंधन को आगे बढ़ने की क्षमता दी. मैं 'बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट' को भी इस जीत का श्रेय दूंगा कि लोगों ने उस पर भी भरोसा जताया.' चिराग ने कहा कि यह (NDA)एक ऐसा प्रोग्रेसिव सोच वाला गठबंधन था जिसको जनता ने स्वीकारा. वहीं महागठबंधन था जो अपने घमंड और एक दूसरे के साथ भीतरघात की सोच के साथ आगे बढ़ रहा था.
नीतीश ही होंगे सीएम
NDA के जो पांच दल हैं उनमें बीजेपी को 90 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि जेडीयू को 84 से ज्यादा सीटें मिलती नजर आ रही हैं. तो क्या चिराग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीतीश के बगैर सरकार बनाने के लिए कहेंगे? इस सवाल का जवाब अपने ही अंदाज में दिया? चिराग ने कहा, 'ऐसा कुछ नहीं है और यह सोच हमारे जेहन में भी नहीं है. मैं गठबंधन में नमक की भूमिका में हूं और मैं मानता हूं कि हर छोटी सी छोटी चीज का काफी महत्व होता है. एक-एक बूंद से सागर बनता है. अगर हम पांचों में से किसी एक को भी आप गठबंधन से बाहर कर दें या हल्का मान लेते तो यह नतीजा ही नहीं आता. हर किसी की अपनी अहम भूमिका है. उस भूमिका का सम्मान चुनाव के दौरान भी था और उसके बाद भी रहेगा.' चिराग ने डिप्टी सीएम की भूमिका से भी इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह पहले ही केंद्र में पीएम मोदी की तरफ से दी हुई जिम्मेदारी निभाग रहे हैं. ऐसे में यह पार्टी के कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी मिलनी चाहिए. चिराग ने यह भी कहा कि डिप्टी सीएम जैसी बड़ी बातें गठबंधन के अंदर की बातें हैं.
पिछली बार कैसे जीता आरजेडी
महागठबंधन की तुलना में NDA का स्ट्राइक रेट कमाल का है. इस चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सिर्फ 17 प्रतिशत, कांग्रेस के सिर्फ 9.8 प्रतिशत, ओवैसी की पार्टी के 17.9 फीसदी उम्मीदवार जीते हैं. जबकि NDA ने 80 फीसदी से ज्यादा स्ट्राइक रेट हासिल किया है. चिराग पासवान से पूछा गया कि उन्हें क्या लगता है कि राहुल और तेजस्वी का इतना बुरा हाल क्यों हुआ? इस पर चिराग ने कहा, 'यह बात कोई समझ नहीं पा रहा था कि साल 2020 में जो परिस्थितियां बनीं और एनडीए बंटा तो उसका सबसे ज्यादा फायदा आरजेडी ने उठाया था. मैं हमेशा से कहता आ रहा था कि आरजेडी ने उस समय भी अपनी काबिलियत से वह बड़ी जीत हासिल नहीं की थी. उसे तो बस स्थितियों का फायदा ही उसे मिला था. अगर पिछली बार भी हम साथ होते तो 2020 में भी उसे समय भी वो 25 सीटें भी नहीं हासिल कर पाते.' चिराग के अनुसान ये अपने दम पर न तो साल 2015 में जीत सके और न ही 2020 में. पांच साल पहले तेजस्वी को बस मतभेदों का ही फायदा मिला था.
कैसा होगा जश्न
अब जब गठबंधन और पार्टी इतनी धमाकेदार जीत दर्ज कर चुकी है तो फिर चिराग इसका जश्न कैसे मनाएंगे? इस पर उन्होंने कहा, ' मेरे जीवन में सिर्फ एक ही पार्टी है और वह है लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास). मेरे पिता के सपने को पूरा करने के लिए अभी मुझै और काम करना है. मुझे संतोष और खुशी इस बात की है कि पापा जहां कहीं भी होंगे, वह बहुत खुश और गौरान्वित महसूस कर रहे होंगे.'














