चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दी है. बिहार में मतदान दो चरणों में कराया जाएगा. पहले चरण का मतदान छह नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को कराया जाएगा. सभी 243 सीटों की मतगणना 14 नवंबर को कराई जाएगी. मतदान की तारीखों का ऐलान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की. बिहार की 243 सदस्यों वाली विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को खत्म हो रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए चुनाव का कार्य 16 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा.
पीले रंग में जिन विधानसभा क्षेत्रों को दिखाया गया है, उन पर पहले फेज में छह नवंबर और गुलाबी रंग में दिखाए गए विधानसभा क्षेत्रों में 11 नवंबर को मतदान कराया जाएगा.
क्या है चुनाव का कार्यक्रम
चुनाव आयोग की ओर से जारी कार्यक्रम के मुताबिक पहले चरण कुल 121 सीटों पर मतदान कराया जाएगा तो दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान कराया जाएगा.
चुनाव आयोग के मुताबिक पहले चरण के चुनाव की अधिसूचना 10 अक्तूबर को की जाएगी. पहले चरण में 17 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंदगे. नामांकन पत्रों की जांच 18 अक्टूबर को की जाएगी तो 20 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. इस चरण का मतदान छह नवंबर को कराया जाएगा.
वहीं दूसरे चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी की जाएगी. इस चरण के लिए नामांकन पत्र 20 अक्टूबर तक दाखिल किए जा सकेंगे. वहीं नामांकन पत्रों की जांच 21 अक्टूबर को की जाएगी. इस चरण में नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 23 अक्टूबर है. इस चरण का मतदान 11 नवंबर को कराया जाएगा.
बिहार में कितने मतदाता
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं. इनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं हैं. उन्होंने बताया कि 14 लाख मतदाता पहली बार मतदान करेंगे. उन्होंने बताया कि बिहार में 14 हजार मतदाताओं की उम्र 100 साल से अधिक है. इस बार राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार के वोटर मतदाता सूची में अपना नाम जरूर देख लें, अब भी यदि उनका नाम छूट गया है, तो नामांकन से दस दिन पहले तक वो अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के साथ जम्मू कश्मीर, ओडिशा, झारखंड, मिजोरम, पंजाब, तेलंगाना और राजस्थान में 11 नवंबर को उपचुनाव भी कराए जाएंगे. इन सीटों पर भी मतगणना 14 नवंबर को ही कराई जाएगी.
चुनाव आयोग ने रविवार को बिहार का दौरा किया था. इस दौरान राजनीतिक दलों ने आयोग से अक्टूबर के अंत में छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव कराने का आग्रह किया था, ताकि अधिक से अधिक मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके, क्योंकि बड़ी संख्या में बाहर काम करने वाले लोग उस दौरान त्योहारों के लिए घर लौटते हैं. आयोग ने उनकी इस अपील को तारीखों के ऐलान में ध्यान रखा है. बिहार विधानसभा का 2020 का चुनाव कोविड-19 महामारी की वजह से तीन चरणों में कराए गए थे.
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