Coronavirus: तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई क्यों दी?

Coronavirus: तेजस्वी ने कहा- आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को धन्यवाद देता हूं कि आपने अंततः 18वें दिन बिहार को संबोधित किया

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पटना:

Coronavirus: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बधाई दी है. तेजस्वी ने अपने ट्वीट में बृहस्पतिवार को कहा कि मैं आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को धन्यवाद देता हूं कि आपने अंततः 18वें दिन बिहार को संबोधित किया जबकि इसी अवधि में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री अपने-अपने राज्य वासियों को कोरोना को लेकर कई बार संबोधित कर चुके हैं.

हालांकि तेजस्वी का ये बयान व्यंग्य भरा था. उनके अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश के इस संबोधन से लोग निराश हुए हैं. तेजस्वी ने कहा कि बिहार वासी उत्सुकता से कोरोना के बचाव, उपचार, सावधानी व जागरूकता एवं सरकार द्वारा सामाजिक, प्रशासनिक और आर्थिक स्तर पर भी की गई तैयारियों को सुनने को बेताब थे. लेकिन मुख्यमंत्री के संबोधन उपरांत बिहार वासी निराशा के भाव में थे क्योंकि अब भी अधिकांश शंकाएं अस्पष्ट थीं. आपने इस महामारी की तुलना बाढ़ और सूखे से की थी, जो कि तथ्य नहीं है. कोरोना वायरस बाढ़ और सूखे के विपरीत एक वैश्विक स्वास्थ्य महामारी है इसलिए इससे निपटने के लिए अधिक गंभीर दृष्टिकोण और पहल की आवश्यकता है.

तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने परीक्षण किट, पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर, आईसीयू बेड, दस्ताने, सैनिटाइज़र की स्टॉकपाइल व खरीद पर भी अद्यतन जानकारी प्रदान नहीं की. इस जानकारी की मांग पहले ही दिन से हम सभी, मीडिया कर्मी, डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कर रहे थे. बिहार में कोरोना की जांच-परीक्षण देश में सबसे कम हैं. शारीरिक और सामाजिक दूरी के अलावा कोरोना परीक्षण ही अकेले इसके प्रसार को रोकने के लिए पहला कदम है.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दावे पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी ने कहा कि सरकार द्वारा 40 टीमों के साथ सेटअप किए गए कंट्रोल रूम द्वारा तीन-चार दिन में 3000 कॉल प्राप्त किए गए थे. यह मुट्ठीभर आंकड़ा ही देशभर में फंसे बिहार वासियों के लिए मदद के लिए उठाए कदमों पर सरकार की गंभीरता और मंशा पर सवाल उठा रहा है. हमारे कार्यालय ने ही पिछले 5 दिनों में 4000 से अधिक फ़ोन कॉल्स को अटेंड किया और पूरे देश में फंसे हजारों बिहार वासियों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की. हम संबंधित राज्य सरकारों, वोलिंटियर और व्यक्तिगत संपर्कों के साथ समन्वय करके हज़ारों प्रवासियों की मदद कर रहे हैं जबकि मुख्य रूप से यह कार्य बिहार सरकार को करना चाहिए था.

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तेजस्वी ने कहा कि जो प्रवासी बिना सरकार की मदद से अपने दम पर बिहार आने में सक्षम थे उन प्रवासियों से भी बदसलूकी की गई. सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल न रख मारपीट कर कचरे वाले ट्रकों में ढोया गया. मैं एक बार फिर माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करता हूं कि चिकित्सा क्षमता में वृद्धि, अधिक लोगों का परीक्षण और 14 अप्रैल तक के लॉकडाउन समय में संक्रमण की दर को धीमा करने और रोकथाम उपायों में तेजी लाएं.

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उन्होंने कहा कि याद रखें, यह एक मैराथन है और इसलिए एक व्यापक और अग्रगामी कार्ययोजना की आवश्यकता है. हम एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में कभी भी किसी भी तरह की मदद की पेशकश करने के लिए तैयार हैं. एकजुट, सतर्क और जागरूक बिहार कोरोना को हरा देगा.

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