बिहार के मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक की मुश्किलें थमती नहीं दिख रही हैं. एक ओर जहां उनके खिलाफ बिहार प्रसाशनिक सेवा संघ ने मोर्चा खोल दिया है. वहीं, अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके पास ये मामला गुरुवार को आया था. उन्होंने तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं. वहीं, इस मामले में बीजेपी भी अटैकिंग मोड में आ गई है. बीजेपी ने नीतीश सरकार के नौकरशाहों को बेलगाम बताया है.
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें आईएएस अधिकारी केके पाठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही समीक्षा बैठक में मौजूद जूनियर अधिकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते नजर आ रहे हैं. पाठक मद्यनिषेध आबकारी और निबंधन विभाग के प्रधान सचिव हैं. इसके साथ ही वह बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान के डीजी भी हैं.
केके पाठक का जब वीडियो वायरल हुआ, तो बिहार प्रशासनिक सेवा संघ हरकत में आ गया है और केके पाठक को उनके पद से हटाने की मांग की है. इसी वीडियो के आधार पर बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने पटना के सचिवालय थाने में आईएएस केके पाठक के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.
बीजेपी ने भी केके पाठक को पद से हटाने की मांग की है. बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है-IAS KK पाठक बहुत पढ़े-लिखे विद्वान हो सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक ब्यूरोक्रेसी में रहने के दौरान ये मानसिक अवसाद और कुंठा से ग्रसित हो चुके हैं. इसका इ लाज कराओ.
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