CM नीतीश कुमार ने महिलाओं को दिया एक और बड़ा तोहफा, बिहार चुनाव से पहले किया ऐलान

इन बसों में गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सुविधा दी गई है. इन बसों में कंडक्टर और ड्राइवर दोनों ही महिलाएं होंगी. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए 80 पिंक बसों को राज्य के विभिन्न जिलों में चलाने की घोषणा की
  • इन महिलाओं के लिए विशेष बसों में सीसीटीवी कैमरे और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं
  • पिंक बसों में कंडक्टर और ड्राइवर दोनों महिलाएं होंगी, जिससे महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
पटना:

बिहार में चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने राज्य की महिलाओं को एक बड़ा तोहफा दिया है. सीएम नीतीश ने महिलाओं के लिए खास तौर पर 80 पिंक बसों को हरी झंडी दिखाई है. ये सभी बसें राज्य के विभिन्न जिलों में चलेंगी. इस खास मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने 1065 बसों में ई-टिकट की सुविधा भी शुरू की है. 

बेहद खास हैं ये बसें

महिलाओं के लिए शुरू की गई इन बसों में कई तरह की खास सुविधाएं उपलब्ध हैं. इन बसों में महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. जिन्हें कंट्रोल रूम से मॉनिटर किया जाएगा. साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए इन बसों में विशेष सुविधा दी गई है. इन बसों में कंडक्टर और ड्राइवर दोनों ही महिलाएं होंगी. 

आपको बता दें कि बिहार में चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने ये कोई पहली घोषणा नहीं की है. उन्होंने रविवार को भी महिलाओं को लेकर एक बड़ी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की थी. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 10 हजार रुपए शुरुआती सहायता मिलेगी. आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी आधिकारिक शुरुआत की. इस योजना के लिए बिहार कैबिनेट ने 20 हजार करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की. चुनाव से पहले इस योजना को गेम चेंजर माना जा रहा है. 

इस योजना के लिए सिर्फ वही महिलाएं पात्र होंगी जो ग्रामीण क्षेत्र में जीविका स्वयं सहायता समूह और शहरी क्षेत्र में शहरी आजीविका मिशन के तहत बने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी होंगी. आमतौर पर स्वयं सहायता समूह में 12 से 15 महिलाएं होती हैं. इस समूह से वही महिलाएं जुड़ सकती हैं जो आयकरदाता न हों, पति भी आयकरदाता नहीं होने चाहिए. महिला या उनके पति सरकारी नौकरी में नहीं होने चाहिए। सरकारी कार्यालयों में संविदा पर रहने पर भी वे इस समूह से नहीं जुड़ पाएंगी. बिहार में फिलहाल 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं  जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं. स्वयं सहायता समूह में जोड़ने के लिए भी महिलाओं के आवेदन मांगे गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में यह आवेदन किसी भी नजदीकी ग्राम संगठन को दिए जा सकते हैं. वहीं शहरी क्षेत्र के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया गया है. 

Featured Video Of The Day
Aryan Khan को NDTV Indian Of The Year 2025 में Debut Director ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिला
Topics mentioned in this article