- सीएम नीतीश ने मदरसा बोर्ड की 100वीं वर्षगांठ कार्यक्रम में मदरसा शिक्षकों के वेतन संबंधी हंगामे का सामना किया
- उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने मदरसा शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के समान वेतन देना शुरू किया है
- मुख्यमंत्री ने पूर्व की सरकारों पर मुसलमानों के लिए काम न करने का आरोप लगाते हुए अपने कार्यों का उल्लेख किया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने मदरसा शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया. घटना पटना के बापू सभागार की है. सीएम नीतीश कुमार यहां अल्पसंख्यकों से संवाद करने और अपने सरकार के कार्यों से उनको अवगत कराने पहुंचे थे. इसी दौरान मदरसा शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर हंगामा किया. शिक्षकों का हंगामा पेंडिंग वेतन को लेकर था. वो चाहते थे कि सीएम नीतीश कुमार आज उनका पेंडिंग वेतन जारी करें. सीएम नीतीश कुमार मदरसा बोर्ड के 100वीं वर्षगांठ के लिए पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मौजूद थे.
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पहले की सरकार में कोई काम नहीं होता था. 2005 से पहले मुस्लिमों का हाल तो और बुरा था. हमारी सरकार आई तो हमनें कब्रिस्तान की घेराबंदी करवाई है. हमारी सरकार ने मदरसा के शिक्षकों को सरकारी शिक्षक जितना वेतन दिया जा रहा है. हमने पहली बार समान वेतन शुरू किया.
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 1989 में भागलपुर में दंगा हुआ था. लेकिन पहले की सरकार और उन्होंने ने का मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई. जब हमलोगों की सरकार बनी तो हमने इस मामले में जांच करके कार्यवाई की और सजा दिलाई. मुस्लिम पीड़ितों को हमने मुआवजा भी दिया. हमारी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए भी काम किया है.
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हमने तलाक शुदा महिलाओं के लिए भत्ता दिया है. आज इसकी राशि 24 हज़ार रुपये महीने कर दिया गया है.नीतीश कुमार ने मुसलमानों से अपील की कि महिलाओं को तलाक ना दें. उन्होंने कहा कि हमने माइनॉरिटी के बजट को बढ़ाया है.
आरजेडी पर भी साधा निशान
सीएम नीतीश कुमार ने आरजेडी का नाम लिए बगैर कहा कि पहले की सरकारों ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया है. मुसलमानों में भी जो पीछे वर्ग से आते है उनके लिए भी आरक्षण होना चाहिए. हमने वृद्धा पेंशन को 400 से 1100 किया. हमने सभी घरों में बिजली दिया,हमने बिजली मुफ्त किया.