बिहार के सीएम नीतीश कुमार तथा गठबंधन के साझीदार लालू प्रसाद यादव के बीच ताल्लुकात में कड़वाहट अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच चुकी है...
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति चुनाव के बाद कांग्रेस विवाद पर विचार करेगी
सोनिया तय करेंगी कि तेजस्वी को नीतीश हटाएं, या वह खुद पद छोड़ें
लेकिन नीतीश कुमार ने अगले सप्ताह का दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है
बिहार की सरकार तीन पार्टियों द्वारा चलाई जा रही है. तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पास राज्य में सबसे ज़्यादा विधायक हैं, उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का नंबर आता है, और कांग्रेस यहां सबसे छोटी साझीदार है, लेकिन उसी की प्रमुख सोनिया गांधी से लगभग 10 दिन पुराने हो चुके गतिरोध में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया है. बताया जाता है कि मुख्यमंत्री इस बात से नाराज़ हैं कि तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार के मामले पर विचार-विमर्श करने के लिए उनसे मुलाकात की कोशिश तक नहीं की, जबकि कांग्रेस का मानना है कि दोनों ही पक्ष - तेजस्वी और नीतीश - अड़ियल रुख अपनाए हुए हैं.
संबंधित वीडियो
संकट की 'विशालता' को भांपते हुए - और उसे खत्म करने में होने वाली दिक्कतों को पहचानते हुए नीतीश कुमार ने इस सप्ताह होने वाले अपने दिल्ली दौरे को रद्द कर दिया है. हालांकि इस दौरे का एजेंडा अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से मुलाकात करना था, लेकिन माना जा रहा था कि इसके साथ ही वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे, ताकि दिखा सकें कि उन्होंने मौजूदा गठबंधन को खत्म करने से पहले सभी विकल्पों को आज़मा लिया था. नीतीश कुमार की पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने सप्ताहांत पर सोनिया गांधी से भेंट की थी, और सोमवार को उन्होंने ट्वीट किया, "भ्रष्टाचार बड़ा खतरा है, और कड़े कदम उठाए जाने चाहिए... लेकिन कार्रवाई सभी के खिलाफ होनी चाहिए, सिर्फ कुछ चुनींदा लोगों या सिर्फ विपक्ष के खिलाफ नहीं..."
गौरतलब है कि 7 जुलाई को लालू प्रसाद यादव के पटना स्थित घर तथा अन्य ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे थे, और कहा था कि लालू ने केंद्रीय रेलमंत्री रहते हुए पद का दुरुपयोग कर कीमती ज़मीन-जायदाद तेजस्वी यादव सहित अपने बच्चों के लिए कौड़ियों के भाव खरीदीं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने सीबीआई की इस कार्रवाई को लालू यादव के ही सुर में राजनैतिक बदले की कार्रवाई बताया, लेकिन नीतीश कुमार की ओर से इस बयान पर कोई सहमति दर्ज नहीं कराई गई, बल्कि कहा गया कि यादवों द्वारा बचाव में दी जा रही दलील कमज़ोर और अपर्याप्त है, और तेजस्वी यादव को इस्तीफा दे देना चाहिए.
Featured Video Of The Day
India-Pakistan Ceasefire: भारत-पाकिस्तान के बीच शर्तों के साथ युद्धविराम लागू | NDTV India