- PM मोदी ने जीएसटी सुधारों को आत्मनिर्भर भारत के लिए समर्थन और वृद्धि की दोहरी खुराक करार दिया है.
- जीएसटी परिषद ने कर दरों को चार से घटाकर दो प्रतिशत स्लैब पांच और अठारह प्रतिशत करने का निर्णय लिया है.
- दैनिक उपभोग की अधिकांश वस्तुएं अब 5% के स्लैब में आएंगी, जबकि विलासिता उत्पादों पर चालीस प्रतिशत विशेष कर होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को जीएसटी व्यवस्था में किए गए व्यापक सुधारों (जीएसटी 2.0) को राष्ट्र के लिए समर्थन और वृद्धि की ‘दोहरी खुराक' करार देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों की शृंखला अब नहीं थमेगी. प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विजेताओं के साथ संवाद में कहा कि उन्होंने 15 अगस्त को लाल किले से यह वादा किया था कि दिवाली और छठ पूजा से पहले देशवासियों को ‘डबल धमाका' मिलेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नवरात्रि के पहले दिन से ही लोगों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. इस बार धनतेरस पर और भी रौनक होगी. यह आजाद भारत का सबसे बड़ा सुधार है.
उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की व्यवस्था अब अधिक सरल हो गई है और नई कर दरें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू हो जाएंगी. प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी जीएसटी परिषद की बैठक में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के स्लैब को चार से घटाकर दो स्लैब पर लाने और दैनिक उपभोग वाली अधिकांश वस्तुओं को पांच प्रतिशत के स्लैब में लाने के फैसले के एक दिन बाद आई है.
जीएसटी परिषद ने अब सिर्फ पांच एवं 18 प्रतिशत की दो कर दरें ही रखने का फैसला किया है जबकि विलासिता एवं अहितकर उत्पादों को 40 प्रतिशत के विशेष कर दायरे में रखा गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकारों के दौर में आम घर-परिवार और खेती-किसानी से जुड़ी वस्तुओं या दवाओं पर भी भारी कर लगाया जाता था. उन्होंने कहा, “अगर वह व्यवस्था जारी रहती तो हर 100 रुपये की खरीद पर 20-25 रुपये का कर देना पड़ता. हमारी सरकार का लक्ष्य है कि आम लोगों की जेब में अधिक पैसा बचे और उनका जीवन बेहतर बने.”
उन्होंने कहा, “जीएसटी 2.0 राष्ट्र को समर्थन और वृद्धि की दोहरी खुराक है. 21वीं सदी में भारत की प्रगति को समर्थन देने के लिए अगली पीढ़ी के ये सुधार किए गए हैं. जीएसटी सुधारों से भारत की सशक्त अर्थव्यवस्था में पांच नए रत्न जुड़े हैं.”
मोदी ने नए सुधारों को देश की अर्थव्यवस्था में ‘पंच रत्न' जोड़ने जैसा कदम बताया. इनमें सरल कर प्रणाली, नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार, खपत एवं वृद्धि को बढ़ावा, कारोबार सुगमता से निवेश एवं रोजगार सृजन को प्रोत्साहन और विकसित भारत के लिए सहकारी संघवाद को मजबूत करना शामिल हैं.
उन्होंने कहा, “समय पर बदलाव किए बगैर हम अपने देश को वैश्विक परिप्रेक्ष्य में उसका सही स्थान नहीं दिला सकते हैं. मैंने लाल किला से भी कहा था कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अगली पीढ़ी के सुधार करने जरूरी हैं.”
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से आह्वान किया कि वे देश की कम-से-कम एक जरूरत को पूरा करने के लिए काम करने के तरीके के बारे में सोचें. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने वाला नया कानून युवाओं के भविष्य की रक्षा करेगा. ऑनलाइन गेमिंग खराब नहीं है लेकिन जुआ गलत है. हमारे युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया जाना चाहिए. अगर सही तरीके से किया जाए तो भारत ऑनलाइन गेमिंग के वैश्विक बाजार में नेतृत्व कर सकता है.
उन्होंने यह भी कहा कि आज देश में एक ऐसी सरकार है जिसमें राजनीतिक इच्छाशक्ति है और जो युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की परवाह करती है. प्रधानमंत्री ने शिक्षकों और छात्रों से ‘स्वदेशी' उत्पादों को बढ़ावा देने और ‘वोकल फॉर लोकल' अभियान का नेतृत्व करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हर घर और दुकान के बाहर ‘हर घर स्वदेशी' के बोर्ड लगाए जाने चाहिए.