देश की सबसे बड़ी क्रिप्टो (Crypto) चोरी के मामले में नया खुलासा हुआ है. साइबर चोरों ने चुराई गई क्रिप्टो को जिस तीन प्राइवेट वॉलेट में पार्क किया था उनमें से एक वॉलेट से 3 सितबंर को 26 ट्रांजेक्शन करके 2600 क्रिप्टो टॉरनेडो कैश वॉलेट में ट्रांसफर कर दिए. मतलब चोरों ने अब पैसे निकालने शुरू कर दिए हैं लेकिन टॉरनेडो कैश एक हवाला ऑपरेटर की तरह अवैध मिक्सिंग सर्विस है इसलिए चुराए गए क्रिप्टो किसके एकाउंट में गए ये पता करना बड़ी चुनौती है.
भारत मे क्रिप्टो करेंसी के एक्सचेंज WazirX के हॉट वॉलेट से 18 जुलाई को देश की सबसे बड़ी क्रिप्टो चोरी हुई थी. साइबर चोरों ने 230 मिलियन डॉलर की कीमत के क्रिप्टो चोरी करके तीन प्राइवेट वॉलेट में पार्क कर दिए थे. 22 जुलाई के बाद से उसमें कोई हलचल नहीं थी. लेकिन 3 सितम्बर को अचानक हलचल हुई और साइबर चोरों ने पहले एक टेस्ट ट्रांसफर किया उसके बाद एक के बाद एक 26 ट्रांजेक्शन किए.
क्रिस्टल इंटेलिजेंस के कंट्री मैनेजर संजीव शाही ने कहा कि, ''तीन सितंबर को हमने देखा कि एक ट्रांजेक्शन हुई 0.1 इथेरियम की टॉरनेडो कैश का. जैसे ही ट्रांजेक्शन पूरा हुआ साइबर हैकर ने 26 और ट्रांजेक्शन 100 डॉलर के किए. इस तरह करीब 2600 इथेरियम ट्रांसफर किए गए टॉरनेडो कैश को, जो लगभग साढ़े 6 मिलियन डॉलर कीमत के करीब होता है.''
सवाल है कि टॉरनेडो कैश क्या है और साइबर हैकर ने इसमें ही क्यों ट्रांसफर किया? इस सवाल पर संजीव शाही ने बताया कि, ''टॉरनेडो कैश एक मिक्सिंग सर्विस होती है जिसे कई जगहों पर, खासकर अमेरिका में इसे बैन किया जा चुका है. इसके जरिए कई बार चोरी के पैसे को सफेद किया जाता है. इसमें कई यूजर की पहचान छिपी रहती है क्योंकि टॉरनेडो के आगे जो फंड ट्रांसफर होते हैं उसमें यह पहचान कर पाना बहुत मुश्किल होता है.''
बहरहाल जांच एजेंसियां इस पर काम कर रही हैं लेकिन इस बीच साइबर चोरी से प्रभावित Wazirx के यूजर्स अब लामबंद होकर कंपनी के खिलाफ साइबर कम्प्लेंट फाइल कर रहे हैं.
वकील अमन रहमान खान ने बताया कि, अभी तक करीब 25 से 30 लोग wazirx के खिलाफ साइबर कम्प्लेंट और क्रिमिनल कम्प्लेंट फाइल कर चुके हैं. बाकी के यूजर्स भी wazirx के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. कम्युनिटी चाहती है कि wazirx के खिलाफ किसी अथॉरिटी से जांच कराई जाए ताकि यूजर्स को क्लियरिटी मिले और समस्या खत्म हो.
इस बीच अच्छी खबर यह है कि WazirX ने एक ब्लॉग के जरिए बताया है कि यूजर्स अपनी INR होल्डिंग्स में से 66 फीसदी रकम दो फेज में निकाल सकते हैं, क्योंकि 34 फीसदी रकम फ्रीज है. लेकिन यूजर्स इससे भी खुश नही हैं. अमन रहमान खान ने कहा कि, सिचुएशन देखिए 45 फीसदी क्रिप्टो चोरी हो गया, 55 फीसदी जो बच गया है उसका एक्सेस wazirx ने बंद कर दिया है. INR होल्डिंग में से 34 फीसदी एनफोर्समेंट एजेंसी ने फ्रीज कर दिया. तो ये तो है कि कुछ गलत हो रहा है और यूजर्स भुगत रहे हैं.
इस बीच wazirx ने सिंगापुर कोर्ट में एसेट रिस्ट्रक्चरिंग के लिए मोरेटोरियम एप्लिकेशन फाइल किया है.
लेकिन यूजर्स का कहना है जब wazirx भारतीय एक्सचेंज है, उसके डायरेक्टर भारतीय हैं , 90 फीसदी यूजर्स भारतीय हैं, साइबर चोरी के लिए कम्प्लेंट भी भारत में फाइल है तो मोरेटोरियम एप्लिकेशन सिंगापुर कोर्ट में क्यों?