पंजाब में विधान सभा चुनावों (Punjab Assembly Elections 2022) से पहले सत्ताधारी कांग्रेस (Congress) पार्टी को बड़ा झटका लगा है. उसके दो विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. उनमें से एक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रताप सिंह बाजवा के छोटे भाई फतेह जंग सिंह बाजवा (Fateh Singh Bajwa) हैं. फतेह सिंह बाजवा कादियां से विधायक हैं. अब इस निर्वाचन क्षेत्र में दोनों भाइयों के बीच चुनावी लड़ाई देखने को मिल सकती है. प्रताप बाजवा कथित तौर पर यहां से चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक हैं.
हाल ही में एक रैली में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने फतेह बाजवा को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया था. हालांकि, उस घोषणा के तुरंत बाद, प्रताप सिंह बाजवा ने भी स्पष्ट कर दिया था कि उनकी भी उसी सीट पर दिलचस्पी है. सूत्रों का कहना है कि यह अनुमान लगाते हुए कि वह अपने बड़े भाई से चुनावी रेस हार सकते हैं, फतेह जंग बाजवा ने बीजेपी में शामिल होने का विकल्प चुना है.
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बीजेपी में शामिल होने वाले दूसरे कांग्रेस विधायक बलविंदर सिंह लड्डी हैं जो हरगोबिंदपुर से विधायक हैं. इनके अलावा अकाली दल के पूर्व विधायक गुरतेज सिंह गुढियाना, यूनाइटेड अकाली दल के पूर्व सांसद राजदेव सिंह खालसा और पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त एडीसी और एडवोकेट मधुमीत भी बीजेपी में शामिल हो गए.
पंजाब में बीजेपी, जो कुछ महीनों पहले तक अकाली दल की सहयोगी पार्टी की भूमिका निभाती रही थी, ने राज्य में अपना दांव बढ़ाया है और अगले साल की शुरुआत में होने वाले चुनावों में प्रसार की योजना बना रही है. पार्टी नेताओं का कहना है कि चुनाव से पहले कांग्रेस और अकाली दल के और नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
बीजेपी ने कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह ढींढसा के साथ गठबंधन किया है, अमरिंदर सिंह ने पिछले महीने पांच दशक पुराने कांग्रेस से अपने रिश्ते को तोड़ दिया और अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस लॉन्च की है. तीनों कृषि कानून पारित होने के बाद पिछले साल अकाली दल ने भी बीजेपी से अपने रिश्ते तोड़ लिए थे.