- पवन सिंह ने पत्नी ज्योति के साथ विवाद पर पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपना पक्ष विस्तार से रखा है
- पवन सिंह का आरोप है कि ज्योति विधायक बनने की जिद में राजनीतिक संबंधों का सहारा ले रही हैं
- ज्योति के पिता ने पवन सिंह से बेटी को विधायिका बनाने की मांग की थी, जिसे पवन ने ठुकरा दिया
निजी जिंदगी में पत्नी विवाद पर पहली बार पवन सिंह ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्नी ज्योति के साथ चल रहे विवाद पर सिलेसिलेवार तरीके से अपना पक्ष रखा है. भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने कहा कि महिला के आंसू दुनिया को दिख जाते हैं, लेकिन मर्द का दर्द ना दिखता है और ना कोई देखना चाहता है. परिवार की बात कमरे में होती है, साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग इस मैटर में मजे ले रहे हैं... मैं उन्हें इतना बता दूं कि फैमिली की बातें कमरे में होती हैं, कैमरे पर नहीं होती है.
पवन ने ज्योति के दावों पर कहा, "मैं हर बात पर सफाई नहीं देना चाहता. ये अपनापन आज ही क्यों दिख रहा है? उन्होंने पूछा कि आप ज्योति जी इतना अपनापन दिखा रही हैं. ये अपनापन दो महीने या चार महीने पहले क्यों नहीं दिखा. आज चुनाव से एक महीने पहले ही अपनापन क्यों दिखा रही हैं. इसकी वजह है पॉलिटिकल कनेक्शन. पवन ने बताया कि क्योंकि वह अमित शाह, जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े और उपेंद्र कुशवार से मिल लिए हैं, इसलिए ज्योति सिंह उनके पीछे पड़ गई हैं.
विधायक बनना चाहती है ज्योति सिंह
पवन सिंह ने बताया कि ज्योति सिंह विधायक बनने की जिद पर अड़ी हैं. उन्होंने खुलासा किया कि ज्योति के पिता रामबाबू सिंह और उनकी लखनऊ में मुलाकात हुई थी. इसमें रामबाबू ने पवन सिंह से कहा कि हमारी बेटी को विधायिका बना दीजिए, उसके बाद उसे रखना है रखिएगा या छोड़ना है छोड़ दीजिएगा. इस पर पवन ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया. पवन ने ज्योति के लिए कहा कि वह विधायिका बनने के लिए इतना हद तक गिर जाएंगी, मुझे उनसे उम्मीद नहीं थी.
पवन ने कहा, "मेरा भी दिल करता है कि जब थका हारा घर जाऊं तो दरवाजा मेरी बेटी या बेटा खोलें...लेकिन जब दरवाजा खुलता है तो स्टाफ होता है या मेरी बूढ़ी मां. मैं भी इंसान हूं थक जाता हूं." उन्होंने कहा, "ज्योति के पीछे बहुत लोगों का सपोर्ट है. जितनी मेरी इज्जत की धज्जियां उड़नी थीं, वो उड़ गईं. अब सुलह की कोई गुंजाइश नहीं."
इससे पहले NDTV से बातचीत में ज्योति सिंह ने साफ कहा कि उनके कदम को “राजनीतिक छवि धूमिल करने” की साजिश बताना गलत है. उन्होंने कहा कि मैंने सालभर उस इलाके में मेहनत की है, अगर मैं चुनाव लड़ रही हूं तो उसका मतलब यह नहीं कि मैं किसी की छवि खराब कर रही हूं. पवन जी चुनाव लड़ेंगे मैं अपनी तैयारी कर रही हूं.
लखनऊ में क्या हुआ था ज्योति सिंह ने बताया
ज्योति सिंह ने बताया कि दो दिन पहले उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए पवन सिंह से मिलने की गुहार लगाई थी. कॉल और मैसेज का जवाब न मिलने पर वे खुद लखनऊ स्थित घर पहुंचीं. वहां गार्ड ने उन्हें रोक दिया, और थोड़ी देर बाद पुलिस आ गई. ज्योति के मुताबिक, “मुझे बताया गया कि पुलिस पवन जी ने ही बुलवाई है. मैंने कहा कि हमारा तलाक अभी हुआ नहीं है, तो मुझे रोका क्यों जा रहा है?” उन्होंने कहा कि घटना के दौरान सबकुछ लाइव प्रसारित हो रहा था यह कोई प्री-प्लानिंग नहीं थी, बल्कि गलत कार्रवाई थी.”
“मेरी मांग में अभी भी पवन सिंह का सिंदूर है”
ज्योति सिंह ने भावुक होते हुए कहा, “मेरी मांग में पवन सिंह के नाम का सिंदूर है. मैं हमेशा उनका साथ दूंगी. अगर वो मुझे छोड़ देते हैं, तो मेरे पास जीने के लिए क्या बचता है? जब मेरी शादी हुई थी, मैं बी.ए. फर्स्ट ईयर में थी.”