भीमा कोरेगांव केस : वरवरा राव को मेडिकल आधार पर छह महीने के लिए मिली ज़मानत

Bhima Koregaon Case: एल्गार परिषद मामले में बंबई हाइकोर्ट ने सोमवार को कवि वरवरा राव की छह महीने की अंतरिम जमानत मेडिकल आधार पर मंजूर की.

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Bhima Koregaon Case वरवरा राव (Varavara Rao) को जमानत मिली (File Photo)

मुंबई:

Bhima Koregaon Case: एल्गार परिषद मामले में बंबई हाइकोर्ट ने सोमवार को कवि वरवरा राव की छह महीने की अंतरिम जमानत मेडिकल आधार पर मंजूर की. कोर्ट ने इसी के साथ उन्हें हिदायत दी है कि वह मुंबई में ही रहें और जब भी जांच के लिए उनकी जरूरत पड़े, उपलब्ध रहें. बता दें कि इस मामले की जांच NIA कर रही है. पिछली सुनवाई में माओवादियों के बीच संबंध को लेकर गिरफ्तार वरवरा राव की वकील इंदिरा जयसिंह ने बॉम्बें हाइकोर्ट में अपने मुव्वकिल की सेहत की जानकारी देते हुए और अंतरिम जमानत का अनुरोध किया था. उन्होंने बताया था कि कार्यकर्ता-कवि फरवरी, 2020 से अभी तक कुल 365 दिनों में से 149 दिन अस्पताल में रहे हैं. 

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बताते चलें कि यह मामला 1 जनवरी 2018 को पुणे के निकट कोरेगांव की जंग की 200वीं वर्षगांठ के जश्न के बाद हिंसा भड़कने से संबंधित है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. मामले की जांच कर रही एजेंसी एनआईए ने आरोप लगाया कि स्वामी भाकपा, समूह की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिये षडयंत्रकारियों सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेन्द्र गैडलिंग, अरुण फरेरा, वर्नन गोंसालवेस, हनी बाबू, शोमा सेन, महेश राउत, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े के संपर्क में रहे हैं. 

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एनआईए ने इस साल 24 जनवरी को इस मामले की जांच अपने हाथों में ली है. पुणे पुलिस का आरोप है कि 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद समूह के सदस्यों ने भड़काऊ भाषण दिये थे, जिसके अगले दिन हिंसा भड़क गई थी. 
 

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