'भारतमाला परियोजना' के तहत देश में अब तक 19,826 किलोमीटर सड़क का हुआ निर्माण

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारतमाला परियोजना के हिस्से के रूप में लगभग 46,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ 35 मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) का एक नेटवर्क बनाने की योजना बनाई है.

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नई दिल्ली:

भारतमाला परियोजना के तहत देश में 26,425 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण के कॉन्ट्रैक्ट दिए गए हैं, जिनमें से अब तक 19,826 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण का काम पूरा हो चुका है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस सप्ताह की शुरुआत में लोकसभा को एक लिखित उत्तर में बताया कि भारतमाला परियोजना का उद्देश्य देश में लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी में सुधार करना है.

परियोजना का उद्देश्य आदिवासी, पिछड़े और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना, राजमार्गों पर दुर्घटनाओं को कम करना और सुरक्षित परिवहन नेटवर्क स्थापित करना है.

इस साल फरवरी तक, 6,669 किलोमीटर लंबे हाई स्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर आवंटित किए जा चुके हैं, जिनमें से 4,610 किलोमीटर का निर्माण पूरा हो चुका है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजमार्ग निर्माण में ऑटोमेटेड और इंटेलिजेंट मशीन-एडेड कंस्ट्रक्शन (एआई-एमसी), एलआईडीएआर और ड्रोन-आधारित एनालिटिक्स जैसी कई स्मार्ट तकनीकों को अपनाया जा रहा है.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई पिछले 10 वर्षों में 60 प्रतिशत बढ़ गई है, जो 2014 में 91,287 किलोमीटर से 2024 में 146,195 किलोमीटर हो गई है, जिससे यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क बन गया है.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारतमाला परियोजना के हिस्से के रूप में लगभग 46,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ 35 मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) का एक नेटवर्क बनाने की योजना बनाई है, जो एक बार चालू होने के बाद लगभग 700 मिलियन टन कार्गो को संभालने में सक्षम होगा.

इसमें से 15 प्राथमिकता वाले स्थानों पर एमएमएलपी को लगभग 22,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ बनाया जाएगा.

बयान में आगे बताया गया है कि कुछ मामलों में, एमएमएलपी को सागरमाला परियोजना के तहत अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनलों के साथ मिलकर विकसित किया जा रहा है, ताकि पारंपरिक रोड़-बेस्ड मूवमेंट की तुलना में इनलैंड कार्गो मूवमेंट की लागत को और कम किया जा सके.

आधिकारिक बयान के अनुसार, देश में सभी चालू बंदरगाहों तक आसानी से पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक बंदरगाह कनेक्टिविटी मास्टर प्लान बनाया है. इसके लिए लगभग 1,300 किलोमीटर लंबाई की 59 महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का चयन किया गया है, जिन्हें लागू किया जाएगा.
 

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