थाईलैंड में फर्जी IT जॉब ऑफर से रहें सावधान, सरकार ने जारी की एडवाइजरी

लोगों को नौकरी के नाम पर कथित तौर पर अवैध रूप से सीमा पार ले जाया जाता है, ज्यादातर म्यांमार में ले जाया जाता है और कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए बंदी बना लिया जाता है

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

थाईलैंड (Thailand)और म्यांमार ( Myanmar) में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) पेशेवरों को लुभाने वाले फर्जी जॉब रैकेट की खबरों के बाद, केंद्र ने आज भारतीय युवाओं को एक एडवाइजरी जारी की है. थाईलैंड में 'डिजिटल सेल्स एंड मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव' के पदों पर भर्ती करने के लिए आकर्षक पेशकश की गई थी. इसमें संदिग्ध आईटी कंपनियों का पता चला है जो कि कॉल-सेंटर घोटाले और क्रिप्टोक्यूरेंसी धोखाधड़ी में शामिल थीं.  

दो दिन पहले विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी भारतीय नागरिकों से थाईलैंड में नौकरी करने से पहले अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा था. उनके अनुसार दर्जनों भारतीयों को रोजगार रैकेट अवैध रूप से म्यांमार ले गया था. उन्होंने कहा था कि, "और आप जानते हैं कि स्थानीय सुरक्षा स्थिति के कारण उस क्षेत्र तक पहुंचना मुश्किल है. फिर भी, देश में हमारे मिशन के लिए धन्यवाद. हम इनमें से कुछ पीड़ितों को कैद या बंधुआ मजदूरी से बचाने में सक्षम हैं. हम दूसरों की मदद करने के लिए भी कोशिश कर रहे हैं.” 

आधिकारिक परामर्श में आज कहा गया कि लक्षित समूह आईटी के कुशल युवा हैं, जिन्हें सोशल मीडिया विज्ञापनों के साथ-साथ दुबई और भारत स्थित एजेंटों द्वारा थाईलैंड में आकर्षक डेटा एंट्री के जॉब देने के नाम पर ठगा जाता है.

विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया है कि पीड़ितों को कथित तौर पर अवैध रूप से सीमा पार से म्यांमार ले जाया जाता है और कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए बंदी बना लिया जाता है. सरकार ने भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या अन्य स्रोतों के माध्यम से जारी किए जा रहे ऐसे फर्जी नौकरी के प्रस्तावों में न फंसें.

इसमें कहा गया है, "रोजगार उद्देश्यों के लिए पर्यटक/विजिट वीजा पर यात्रा करने से पहले, भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे विदेश में संबंधित मिशनों के माध्यम से विदेशी नियोक्ताओं की साख की जांच/सत्यापन करें और किसी भी नौकरी की पेशकश करने से पहले भर्ती एजेंटों के साथ-साथ किसी भी कंपनी के बारे में गहराई से जांच करें."

इससे पहले म्यांमार के यांगून में भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी की थी. इसमें म्यांमार के सुदूर पूर्वी सीमावर्ती इलाकों में स्थित डिजिटल स्कैमिंग गतिविधियों में लिप्त कंपनियों के बारे में आगाह किया गया था.

Advertisement

म्यांमार में पकड़े गए भारतीयों की विशिष्ट संख्या के बारे में एक सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था, "यह कहना मुश्किल है. 32 लोगों को निश्चित रूप से बचाया गया है और वहां से बाहर निकाला गया है. मेरे पास सटीक संख्या नहीं है. शायद 80 वहां 90 लोग हैं."

NDTV एक्सक्लूसिव : दिल्ली में फर्जी प्लेसमेंट कंपनियों का जाल

Featured Video Of The Day
IND vs PAK Champions Trophy 2025: Virat Kohli की शानदार पारी के बाद मिला Man Of The Match का खिताब