लापता बेटी को खोजने के लिए परिवार ने ट्विटर पर लगाई गुहार, रूहानी दुनिया के असर में होने का जताया शक

बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि जिस जगह पर किशोरी को ड्रॉप किया गया था, वहां कोई सीसीटीवी नहीं था. वे उसकी ऑनलाइन गतिविधियों की जांच कर रहे हैं.

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बेंगलुरु:

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक लड़की पिछले दो महीने से लापता है और पुलिस अब तक उसका सुराग नहीं लगा सकी है. पुलिस इसे पेचीदा मामला बता रही है. नाबालिग बेटी का पता लगाने के लिए माता-पिता ने ट्विटर पर लोगों से गुहार लगाई है. बेंगलुरु की रहने वाली 17 साल की अनुष्का 31 अक्टूबर को दो जोड़ी कपड़ों और 2,500 रुपये नकद लेकर घर से निकली थी. दो महीने बाद भी उसके माता-पिता अपनी एकलौती बेटी को खोज रहे हैं.  

युवती की मां ने बताया, "वह कुछ समय से हमें नजरअंदाज कर रही थी. हम जानते हैं कि वह हमें प्यार करती है. वह हमारे पास लौटकर जरूर आएगी."

अनुष्का दूसरी आम लड़कियों की तरह ही थी, लेकिन उसके माता-पिता ने सितंबर में पहली बार उसके व्यवहार में बदलाव देखा. उन्होंने महसूस किया कि वह बैरागी हो गई और कटी-कटी सी रहती है. 

लड़की के पिता ने बताया, "मैं उसे काउंसलर के पास लेकर गया. हमने उसके व्यवहार में परिवर्तन देखा. उसने हमसे बात करना बंद कर दिया था, वह खुद में ही खोई रहती थी और खुद को घर के कामकाजों से दूर कर रही थी."

अनुष्का के माता-पिता को संदेह है कि वह रूहानी दुनिया यानी आत्माओं या देवी-देवताओं से संपर्क स्थापित करनी की पद्धति (Shamanism) के बारे में ऑनलाइन पढ़कर प्रभावित हुई है. यह एक प्राचीन चिकित्सा परंपरा है, जिसे आत्माओं की दुनिया से जोड़ने के लिए जाना जाता है. 

उसके पिता ने बताया, "ऐसा लग रहा था कि किसी ने उसे प्रभावित किया है. वह नाबालिग है. वह खुद से निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है. उसने मुझसे बोला था कि वह सीमैनिज्म (Shamanism) अपनाना चाहती है." 

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अनुष्का 12वीं पास है और कथित तौर पर वह सहारा रोज़ और काम्या बुच जैसी स्पिरिचुअल लाइफ कोच और साइकेडेलिक एजुकेटर्स से प्रभावित थी. उसने कथित तौर पर अपने माता-पिता से रूहानी दुनिया से जुड़ने की प्रक्रिया के बारे में सीखने के बारे में बात की थी. 

बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि जिस जगह पर किशोरी को ड्रॉप किया गया था, वहां कोई सीसीटीवी नहीं था. वे उसकी ऑनलाइन गतिविधियों की जांच कर रहे हैं.

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