बेंगलुरु में पिछले दो सालों से रह रहे एक कपल ने वहां से निकलने का फैसला किया है और इसका कारण उन्होंने शहर की खराब होती हवा को बताया है. कपल का कहना है कि बेंगलुरु की हवा की गुणवत्ता खराब होने की वजह से उनका स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है. दोनों ने अपने इस फैसले के बारे में एक रील पर शेयर किया था, जो अब वायरल हो रही है और इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है.
अश्विन और अपर्णा दोनों ही 27 साल के हैं और दोनों कॉरपोरेट जॉब करने के साथ-साथ अपनी ब्रांड भी बिल्ड कर रहे थे. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया और बताया कि दोनों को बेंगलुरु का मौसम, एनर्जी और कम्यूनिटी बहुत पसंद हैं लेकिन इसके बाद भी वो बेंगलुरु से जा रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें शहर से और कोई दिक्कत नहीं है लेकिन वहां की हवा उन्हें बीमार कर रही है.
दोनों ने अपनी इस रील की शुरुआत ही "शायद आप हमसे नफरत करें लेकिन बेंगलुरु हमें धीरे-धीरे मार रहा है" लाइन से की है. इस रील में उन्होंने बताया है कि किस तरह वक्त के साथ दोनों बार-बार बीमार होने लगे. अश्विन ने कहा, "मुझे सांस लेने में दिक्कत होने लगी और एलर्जी हो गई". वहीं अपर्णा ने कहा कि, "मैं... जिसे कभी जुखाम भी नहीं होता था... अब हमेशा खांसती और छीकती रहती हूं."
इतना ही नहीं दोनों ने लाइफस्टाइल में भी बदलाव किए जैसे कि खानपान में बदलाव और रेगुलर वर्कआउट लेकिन फिर भी दोनों का स्वास्थ्य बेहतर नहीं हुआ. इसके बाद वो शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स चेक करने लगे. अपर्णा ने पूछा, "लोग कहते हैं कि बेंगलुरु की हवा फ्रेश है और यहां का मौसम बहुत अच्छा रहता है लेकिन क्या ऐसा सच में है?"
फरवरी में बेंगलुरु का एक्यूआई 297 पहुंच गया था और यह कपल के लिए वेकअप कॉल था. अपनी वीडियो में उन्होंने बताया, "बेंगलुरु अद्भुत है. यहां तक कि बिजनेस शुरू करने के लिए भी यह सबसे अच्छी जगह है लेकिन हमें जल्द से जल्द फैसला करना था. इससे पहले कि शहर हमें अपनी ओर खींच पाता, हमने बैंगलोर छोड़ दिया." उनका कहना है कि भले ही उनका काम और सोशल सर्कल बेंगलुरु में ही है लेकिन फिर भी उनके लिए उनका स्वास्थ्य सबसे अहम है.
इस वीडियो पर लगभग 1 लाख व्यू आ गए हैं और इसी के साथ इसपर बहस भी छिड़ गई है. कई लोगों ने कपल का समर्थन किया है लेकिन उनके इस फैसले से बाकि सभी लोग संतुष्ट नहीं हैं. इतना ही नहीं कई लोगों ने उनपर शहर में प्रदूषण बढ़ाने का भी आरोप लगाया. एक ने लिखा, "शहर छोड़ने के लिए शुक्रिया. इससे हम सभी के लिए हवा साफ होगी."
वहीं एक अन्य ने लिखा, "प्लजी जाइए. बेंगलुरु लोगों के यहां काम के लिए आने से पहले अच्छा था. साथ ही आप जिस हिस्से को बेंगलुरु कह रहे हैं वो बेंगलुरु है भी नहीं यह बस उसका बढ़ा हुआ हिस्सा है ताकि इतने सालों में यहां आए क्राउड के लिए रहने की जगह बन सके. इससे अच्छा तो आप असल बेंगलुरु एक्सप्लोर कर के देखें."
उनके इस फैसले से भले ही लोगों में नाराजगी है लेकिन अश्विन और अपर्णा की कहानी ऐसी ही चिंताओं से जूझ रहे शहर में रहने वाले कई अन्य लोगों की भी हो सकती है, जिससे एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जब शहर आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा हो तो क्या तब भी उसके प्रति प्यार होना चाहिए?