बेंगलुरू के रहने वाले व्यवसायी किशोर रामजी ने अपनी रक्त स्टेम कोशिका दान कर एक कैंसर पीड़ित की जान बचाकर नई मिसाल कायम की है. रामजी ने रक्त स्टेम कोशिका दान करने के पीछे की वजह अपने बेटे को बताया जो 2 साल की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह दिया था. बेटे की मौत के बाद उन्होंने निश्चय किया कि वो किसी रक्त कैंसर पीड़ित की जान बचाएंगे. डीकेएमएस बीएमएसटी फाउंडेशन इंडिया के मुताबिक, गुजरात के पटेल समुदाय से आने वाले रामजी ने तीन साल पहले रक्त स्टेम कोशिका दानकर्ता के तौर पर पंजीकरण कराया था और हाल में उनके रक्त का नमूना रक्त कैंसर से पीड़ित एक व्यक्ति से मेल खा गया. गैर सरकारी संगठन ने बताया कि रक्त कैंसर से पीड़ित रोगियों और थैलासीमिया जैसी रक्त संबंधी अन्य बीमारियों से पीड़ितों के इलाज में रक्त स्टेम कोशिका से काफी लाभ मिलता है.
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रामजी ने कहा कि जब उन्हें रक्त कैंसर के इलाज की संभावना के बारे में पता चला तो वह आश्चर्यचकित होने के साथ ही भावुक भी हो गए. फाउंडेशन ने उनके हवाले से जारी एक बयान में कहा, ‘‘जागरूकता की कमी के कारण हमारे पहले बच्चे की 2004 में महज दो वर्ष की उम्र में रक्त कैंसर से मौत हो गई थी. इसी कारण मैंने स्टेम कोशिका दानकर्ता के तौर पर पंजीकरण कराया और रक्त कैंसर से जूझ रहे एक रोगी की जान बचाई.''
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