हाईकोर्ट ने पुलिस को गवाहों के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, ताकि उन्हें धमकी या प्रभावित नहीं किया जा सके.
बंगाल के बीरभूम में कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की हत्या के विरोध में आठ लोगों को जिंदा जलाने के बाद राजनीतिक विवाद के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह गुरुवार को जिले का दौरा करेंगी. वहीं भाजपा ने उनके इस्तीफे की मांग करते हुए आरोपियों को बचाने के लिए सबूत मिटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
- बंगाल के बीरभूम जिले के बोगटुई गांव में आठ लोगों की हत्या को लेकर भाजपा द्वारा लगातार निशाना साधने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा कि ऐसी घटनाएं गुजरात और राजस्थान में भी हुई हैं. इसके साथ ही उन्होंने मामले में निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई का आश्वासन दिया.
- समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में जा रहे भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में घटनास्थल पर जाने से रोक दिया गया. जानकारी मिलने पर पुलिस ने पहले से ही बोगटुई गांव के बाहर बैरिकेड्स लगा दिए थे. जिसके बाद सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि ये सब सबूत मिटाकर दोषियों को बचाने के लिए किया जा रहा है.
- भाजपा नेताओं के मौके पर जाने पर से पहले ममता बनर्जी ने पहले कहा था, "यह बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं. मैंने तृणमूल का एक प्रतिनिधिमंडल हाथरस भेजा था (जहां एक युवती की 2020 में सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी) लेकिन हमें जाने की अनुमति नहीं दी गई. हम यहां किसी को आने से नहीं रोक रहे हैं."
- सोशल मीडिया पर महिलाओं और बच्चों सहित जले हुए शवों को दिखाने वाले भयावह वीडियो सामने आए हैं. भाजपा ने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है और सत्तारूढ़ तृणमूल पर राजनीतिक विरोधियों की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया. उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन की भी मांग की है.
- भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ अपना पक्ष रखते हुए दावा किया है कि यह बंगाल में राजनीतिक हत्याओं की लंबी सूची का एक और नया मामला है. पार्टी ने ममता बनर्जी के इस्तीफे और केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की है. बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने एएनआई को बताया, "राज्य में अब तक 200 से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. सरकार क्या कर रही है? इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है."
- कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले में बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार को जिला न्यायाधीश की उपस्थिति में घटनास्थल पर पर्याप्त स्टोरेज के साथ सीसीटीवी कैमरे तत्काल प्रभाव से लगाने के आदेश दिए. कोर्ट ने एक केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) टीम को साइट का दौरा करने और फोरेंसिक विश्लेषण के लिए आवश्यक साक्ष्य एकत्र करने का भी आदेश दिया.
- हाईकोर्ट ने पुलिस को गवाहों के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, ताकि उन्हें धमकी या प्रभावित नहीं किया जा सके. अदालत ने हालांकि, सीबीआई जांच की मांग को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि राज्य को पहले एक मौका दिया जाना चाहिए.
- बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के एक नेता भादु शेख की हत्या के विरोध में भीड़ ने लोगों को उनके घरों में बंद कर दिया और आग लगा दी. इसके घंटों बाद मंगलवार सुबह बीरभूम के गांव रामपुरहाट में जले हुए शव मिले. जले हुए घरों में एक ही परिवार के सात लोग मृत पाए गए.
- हिंसा के सिलसिले में अब तक कम से कम 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. उसी दिन 11 को गिरफ्तार किया गया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम यह पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ कर रहे हैं कि क्या घटना में और लोग शामिल थे. ऐसा लगता है कि कुछ आरोपी गांव से भाग गए हैं. हम उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं." उन्होंने यह भी कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञ "दुर्घटना की प्रकृति" के बारे में जानकारी जुटाने के लिए क्षतिग्रस्त घरों की जांच कर रहे है.
- आज सुबह बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी को तीन पन्नों के पत्र में यह सुझाव देने के लिए फटकार लगाई कि हिंसा के पीछे एक राजनीतिक साजिश थी. उन्होंने यह भी कहा कि हताहतों की संख्या अधिक हो सकती है. दरअसल, ममता बनर्जी ने राज्यपाल से "अनुचित बयान देने से परहेज करने और प्रशासन को निष्पक्ष जांच करने की अनुमति देने" का आग्रह किया था. राज्यपाल ने मंगलवार को रामपुरहाट में आठ लोगों की मौत की इस घटना को 'भयावह' करार देते हुए कहा था कि राज्य पूरी तरह से 'हिंसा और अराजकता' की संस्कृति की गिरफ्त में है.
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