पश्चिम बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव हुए. चुनाव में हिंसा की आशंका के बीच भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी. इसके बावजूद अलग-अलग जगह हुई हिंसक झड़प में 11 लोगों की मौत हो गई. वहीं, कूचबिहार में एक पोलिंग बूथ में तोड़फोड़ और बैलेट पेपरों को आग लगाने की घटना भी सामने आई.
राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, 22 जिलों की 63,229 ग्राम पंचायत सीटों, पंचायत समिति की 9,730 सीटों और जिला परिषद की 928 सीटों पर चुनाव प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर लगी है. चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को आएंगे.
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने भी मतदान केंद्रों का दौरा किया और मतदाताओं एवं उम्मीदवारों से बातचीत की.
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले पिछले कुछ दिनों में मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, उत्तर दिनाजपुर, मालदा और कूचबिहार जैसे जिलों में हिंसा की कई घटनाओं सामने आई. ऐसे में राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान चुनौतिपूर्ण था. इन चुनावों के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था और यहां तक कि उन्हें परिणाम घोषित होने के बाद दस दिनों तक रुकने का आदेश भी दिया गया है, ताकि चुनाव के बाद किसी भी तरह की हिंसा को रोका जा सके.
बंगाल में चुनावों के दौरान हिंसा का इतिहास रहा है, जो कम्युनिस्ट शासन के दौरान बड़े पैमाने पर थी और आज तक जारी है. राज्य सरकार का दावा है कि वह हिंसा की घटनाओं की संख्या को कम करने में सक्षम है और मीडिया झूठी कहानी पेश करने के लिए छिटपुट घटनाओं का उपयोग कर रहा है. इससे पहले हिंसा को रोकने के लिए कथित तौर पर पर्याप्त कदम नहीं उठाने के लिए राज्यपाल की आलोचना झेल रहे राज्य चुनाव आयोग ने इन चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की 800 से अधिक कंपनियों की मांग की थी.
पंचायत चुनाव के लिए राज्य में जनसभाएं, रोडशो और घर-घर जाकर प्रचार किया गया. इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी समेत अनेक नेताओं ने भाग लिया.
मुर्शिदाबाद में TMC और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव से पहले मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज इलाके में शुक्रवार रात तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट होने से एक घर में तोड़फोड़ की गई. घटना की सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन की एक टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया.
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