कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक्साइज़ ड्यूटी कटौती (Excise Duty Cut) करने के बाद राज्यों की स्थिति पर तंज कसा है और कहा है कि केंद्र सरकार के इस कदम के बाद उनकी स्थिति ऐसी हो गई है कि एक तरफ कुआं है, तो दूसरी तरफ खाई.
चिदंबरम ने रविवार को ट्विटर पोस्ट के जरिए आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या राज्य पेट्रोल और डीजल पर वैट से राजस्व छोड़ने का जोखिम उठा सकते हैं, जब तक कि केंद्र अधिक धन नहीं देता है या उन्हें अधिक अनुदान नहीं देता है. उन्होंने कहा कि राज्य असमंजस में हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, "दो महीने में 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ाएँ और पेट्रोल पर 9.50 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 7 रुपये प्रति लीटर की कटौती करें।यह अधिक लूटने और बाद में कम भुगतान करने के बराबर है!"
दो महीने में 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ाएँ और पेट्रोल पर 9.50 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 7 रुपये प्रति लीटर की कटौती करें।यह अधिक लूटने और बाद में कम भुगतान करने के बराबर है!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 22, 2022
एक के बाद एक कुल तीन ट्वीट में चिदंबरम ने कहा, "राज्यों से किया गया वित्त मंत्री का आह्वान व्यर्थ है। जब वह केंद्रीय उत्पाद शुल्क में एक रुपये की कटौती करती हैं, तो उस रुपये का 41 पैसा राज्यों का होता है.. इसका मतलब है कि केंद्र ने 59 पैसे और राज्यों ने 41 पैसे की कटौती की है। इसलिए उंगली मत उठाइए.."
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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, "असली कटौती तब होगी, जब केंद्र पेट्रोल और डीज़ल पर लगने वाले उपकर में कटौती करे (जो राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है)."
असली कटौती तब होगी जब केंद्र पेट्रोल और डीज़ल पर लगने वाले उपकर में कटौती करे (जो राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है)
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 22, 2022
पूर्व वित्त मंत्री की टिप्पणी सरकार द्वारा पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये की कटौती की घोषणा के एक दिन बाद आई है. ऑटो ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती के सरकार के फैसले के बाद रविवार को पेट्रोल की कीमत में 8.69 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 7.05 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई, जिससे उच्च ईंधन की कीमतों से पीड़ित उपभोक्ताओं को राहत मिली, जिसने मुद्रास्फीति को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया था.