गडकरी को चुनाव से पहले मिला था 'प्रधानमंत्री' का ऑफर, कौन था वो विपक्षी नेता?

नितिन गडकरी ने कहा- मैं अपने विचारों और कनविक्शन का पक्का हूं. मुझे लगता है कि कनविक्शन ही हमारे भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है.

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नितिन गडकरी ने विदर्भ गौरव पत्रकारिता समारोह को संबोधित किया.
नागपुर:

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के एक बयान ने सभी को चौंका दिया. नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि, ''लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष के एक बड़े नेता उनसे संपर्क किया था और कहा था कि अगर आप प्रधानमंत्री (Prime Minister) बनेंगे तो हम आपको समर्थन करेंगे. लेकिन उनके इस प्रस्ताव को मैंने उसी वक्त अस्वीकार कर दिया था.'' 

नितिन गडकरी ने कहा कि, ''मैंने उनसे सवाल पूछा कि आप मुझे क्यों समर्थन देंगे? और मैं क्यों आपका समर्थन लूं? मेरे जीवन में प्रधानमंत्री बनना उद्देश्य नहीं है. मैं अपने विचारों और कनविक्शन (प्रतिबद्धता) का पक्का हूं. मुझे लगता है कि कनविक्शन ही हमारे भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है, फिर चाहे वो पत्रकारिता हो या फिर ब्यूरोक्रेसी. लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कनविक्शन एक अहम किरदार निभाता है.'' 

नितिन गडकरी ने विदर्भ गौरव पत्रकारिता समारोह में यह बात कही. उन्होंने कहा कि, ''पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है. न्यायपालिका, पत्रकारिता, कार्यपालिका और विधायिका, यह चारों जब अपने आदर्शों पर चलेंगे तो लोकतंत्र यशस्वी होगा. हम भारत के लोग वर्ल्ड में मदर ऑफ डेमोक्रेसी हैं.''

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