किसी अफगानी सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने से पहले उसे अफगानिस्तान के भीतर की वैधानिकता अहम : सूत्र

दिल्ली सिक्योरिटी डायलाग में हिस्सा लेने पहुंचे ताज़िकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने द्विपक्षीय बातचीत की

विज्ञापन
Read Time: 23 mins
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ उज्बेकिस्तान के एनएसए विक्टर मख्मुदो.
नई दिल्ली:

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की तज़ाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से द्विपक्षीय मुलाक़ात हुई है. अफगानी सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने से पहले उसे अफगानिस्तान के भीतर की वैधानिकता जरूरी है. सूत्रों के अनुसार आज भारत और उज़्बेक के NSA की मुलाक़ात में इस बात पर सहमति बनी. सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में अफ़ग़ानिस्तान के हालात पर विस्तृत चर्चा हुई. अफ़ग़ानिस्तान के मुद्दे पर दिल्ली सिक्योरिटी डायलाग में हिस्सा लेने पहुंचे ताज़िकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने द्विपक्षीय बातचीत की.

सूत्रों के मुताबिक़ एनएसए अजीत डोभाल की तज़ाकिस्तान के एनएसए नसरुलो रहमतजोन के साथ हुई द्विपक्षीय बातचीत में अफ़ग़ानिस्तान के हालात को लेकर अहम चर्चा हुई. अफ़ग़ानिस्तान से जिस तरह से आतंकी ख़तरा बढ़ा है उस पर दोनों देशों ने चिंता जताई. तज़ाकिस्तान ने अफ़ग़ानिस्तान में हालात की गंभीरता को ज़ाहिर किया. साथ ही अफ़गानिस्तान में मानवीय संकट की खराब होती हालत को लेकर भी बातचीत हुई. 

इसके अलावा दोनों देशों के एनएसए ने भारत और तज़ाकिस्तान के बीच रक्षा और सीमा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की.

Advertisement

उज़्बेकिस्तान के एनएसए विक्टर मख्मुदोव के साथ अजीत डोवाल की मुलाक़ात में दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि अफग़ानिस्तान का भविष्य अफ़ग़ानिस्तान के लोगों द्वारा ही तय हो.

Advertisement

दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत नज़र आए कि किसी अफ़ग़ानी सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने से पहले उसे अफ़ग़ानिस्तान के भीतर की वैधानिकता अहम है. दोनों देशों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देश अफ़ग़ानिस्तान के लोगों को बेरोक टोक मानवीय मदद पहुंचना सुनिश्चित करें. पड़ोसी देश हालात सुधारने में भी रचनात्मक सहयोग करें. अफ़ग़ानिस्तान के दीर्घकालिक आर्थिक विकास की ज़रूरत पर भी ज़ोर डाला गया.

Advertisement

यहां ये अहम है कि पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान का पड़ोसी देश होने के बाद भी भारत से गेंहू जैसी मदद पहुंचाने के लिए ज़मीनी रास्ता नहीं दे रहा है.

Advertisement

बुधवार यानि 10 नवंबर को रूस, ईरान, कज़ाकिस्तान, किर्गीस्तान, तज़ाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बहुपक्षीय चर्चा है जिसकी अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे हैं. बुधवार को ही रूस, ईरान और कज़ाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ भारत के एनएसए की द्विपक्षीय मुलाक़ात भी होगी.

Featured Video Of The Day
Rahul Gandhi का Election Commission पर फिर तीखा हमला | NDTV India
Topics mentioned in this article