उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में अब तक 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगा ली है. 13 जनवरी से आयोजित महाकुंभ में देश-विदेश से साधु-संत और श्रद्धालु पहुंचे हैं. मध्य प्रदेश के इंदौर से 'बवंडर बाबा' भी महाकुंभ 2025 में पहुंचे हैं. 'बवंडर बाबा' सनातन धर्म की रक्षा के उद्देश्य से अपनी बाइक पर यात्रा करते हैं और अपनी अपरंपरागत यात्रा से भक्तों को प्रेरित करते हैं. न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "मैं पूरे भारत की यात्रा पर हूं, करीब 47 महीनों से यात्रा कर रहा हूं. इस यात्रा का उद्देश्य हिन्दू देवी-देवताओं की छवियों और मूर्तियों के प्रति दिखाए गए अनादर के प्रति जागरुक फैलाना है.
हिंदुओं द्वारा हिंदू देवताओं का अपमान किया जा रहा है. ऐसा क्यों है कि हिंदू अपने देवताओं की तस्वीरों का अनादर करते हैं, चाहे वह शादी के कार्ड, अगरबत्ती, पटाखे या कैलेंडर पर हों." बवंडर बाबा ने आगे कहा, "मैं उनसे कहना चाहता हूं कि जिस मूर्ति या फोटो की साल भर पूजा की जाती है, अगर वह खंडित हो जाती है, तो उसे सड़क किनारे, पीपल के पेड़ के नीचे छोड़ने की जरूरत नहीं है. हमारी सनातन संस्कृति में तीन विधान हैं, उन चित्रों को हम भूमिगत कर दें. दूसरा, अग्नि में भस्म कर दें. तीसरा, पानी में विसर्जन कर दें."
मैं एक उद्देश्य के साथ यात्रा पर निकला हूं
उन्होंने कहा कि अगर हिन्दू लोग अभी भी नहीं समझेंगे, तो बांग्लादेश में जो हिन्दुओं के साथ हो रहा है, वह यहां भी होगा. जब उनसे पूछा गया कि बवंडर बाबा का नाम उन्हें कैसे मिला. इस पर उन्होंने कहा कि बवंडर बाबा का नाम मुझे इसलिए दिया गया क्योंकि मैं देशभर में एक उद्देश्य के साथ यात्रा पर निकला हूं. उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि जो अभियान लेकर मैं यात्रा कर रहा हूं, उससे लोग जागरूक हों और अपने देवी-देवताओं का अपमान न करें. मैं हिन्दुओं से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने कभी किसी अन्य धर्म के लोगों को अपने भगवान का अपमान करते देखा है. जब वे नहीं करते हैं, तो हम क्यों कर रहे हैं?"
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