भारतीय सेना के बटालियन समूह ने ‘टाइगर ट्रायम्फ’ अभ्यास में लिया हिस्सा

अभ्यास का प्राथमिक फोकस दोनों देशों की सेनाओं के बीच सामंजस्य बढ़ाना, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और एचएडीआर और विभिन्न अभियानों के संचालन में क्षमताओं को बेहतर बनाना है.

Advertisement
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

भारत और अमेरिका के बीच पूर्वी समुद्र तट पर द्विपक्षीय त्रि-सेवा अभ्यास ‘टाइगर ट्रायम्फ-24' में भारतीय सेना का एक बटालियन समूह हिस्सा ले रहा है जिसमें 700 से अधिक कर्मी शामिल हैं. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 18-31 मार्च तक आयोजित हो रहे इस अभ्यास का उद्देश्य मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियानों के संचालन के लिए सामंजस्य बढ़ाना तथा दोनों देशों की सेनाओं के बीच तेजी से एवं सुचारू समन्वय के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को परिष्कृत करना है.

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना की टुकड़ी, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के साथ त्रि-सेवा अभ्यास के दूसरे संस्करण में भाग ले रही है.

उन्होंने बताया कि 14 दिवसीय अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें विशाखापत्तनम में बंदरगाह पर और उसके बाद काकीनाडा के पास समुद्र में अभ्यास शामिल है.

Advertisement
अभ्यास का प्राथमिक फोकस दोनों देशों की सेनाओं के बीच सामंजस्य बढ़ाना, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और एचएडीआर और विभिन्न अभियानों के संचालन में क्षमताओं को बेहतर बनाना है.

एक सूत्र ने बताया, ‘‘इस अभ्यास में विभिन्न परिदृश्य में भारतीय सेना की जल-थल-नभ संबंधी क्षमताओं का जायजा लिया जा रहा है. अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व एकीकृत बटालियन समूह कर रहा है, जिसमें 700 से अधिक सैन्यकर्मी शामिल हैं. सेवा में शामिल किए गए युद्धक उपकरणों और अत्याधुनिक तकनीकी संचार का प्रदर्शन अभ्यास के दौरान किया जा रहा है.''

भारतीय सेना की टुकड़ी में पैदल सेना, हथियारों से लैस पैदल सेना, पैरा (विशेष बल), तोपखाने, इंजीनियर और अन्य सहायक साजो-सामान के अलावा कई ड्रोन, एंटी-ड्रोन उपकरण को शामिल किया गया है.

भागीदारी कर रही सेनाओं के बीच निर्बाध समन्वय सुनिश्चित करने के लिए बंदरगाह चरण में संचार व्यवस्था का भी जायजा लिया गया.

सूत्र ने कहा, ‘‘आपसी तालमेल को बढ़ाने के लिए दोनों देशों के कर्मियों ने एक-दूसरे के जहाजों का दौरा किया. संवाद से न केवल पारस्परिक संबंध मजबूत हुए, बल्कि सर्वोत्तम प्रथाओं और परिचालन तकनीकों के आदान-प्रदान में भी मदद मिली.''

मंगलवार को शुरू हुए समुद्री चरण में ‘द्वीपीय देश के लिए रणनीतिक कदम'' संबंधी अभ्यास शामिल है.

सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी रक्षा बलों के साथ संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास दोनों देशों के बीच तालमेल, संयुक्त अभियानगत क्षमताओं और खुफिया जानकारी साझा करने को प्रदर्शित करता है.

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
18th Lok Sabha News: BJP MP Janardan Singh Sigriwal ने क्यों कहा विपक्ष को विकास का विरोधी