अपनी नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान के ऐसे स्वागत की मिसाल बिरले ही मिलती है. बरेली में चुनाव लड़ने के लिए अदालत में शादी और फिर चुने जाने के बाद विधि विधान से ब्याह करके हेलीकॉप्टर से ससुराल पहुंची एक महिला प्रधान की ग्रामीणों ने गर्मजोशी से अगवानी की. बदायूं जिले के उझानी कस्बे की बेटी सुनीता वर्मा को ससुराल पहुंचने से पहले ही गांव के लोगों ने ''मुंह दिखाई'' में गांव की प्रधानी सौंप दी. शनिवार को पूरे विधि विधान से शादी की रस्म अदा की गई और विदाई उड़न खटोले यानी हेलीकॉप्टर से हुई तो अपनी नई प्रधान के स्वागत में पूरा गांव उमड़ पड़ा.
बदायूं स्थित उझानी के बहादुरगंज मोहल्ले के निवासी भाजपा के नगर उपाध्यक्ष वेदराम लोधी ने अपनी बेटी सुनीता वर्मा की शादी बरेली में आंवला क्षेत्र के आलमपुर कोट गांव के निवासी श्रीपाल लोधी के पुत्र ओमेंद्र सिंह से तय की थी. पूर्व में ब्लाक प्रमुख रह चुके श्रीपाल का परिवार भी राजनीति में है. खुद उनकी पत्नी भी दो बार प्रधान रह चुकी हैं. इधर, सुनीता का रिश्ता तय होने के बाद पंचायत चुनाव भी आ गए.
श्रीपाल ने सोमवार को बताया कि रिश्ता तय होते ही उन्होंने होने वाली बहू को प्रधान का चुनाव लड़ाने का मन बनाया. चूंकि गांव की मतदाता सूची में सुनीता का नाम दर्ज कराना था और विवाह के लिए पर्याप्त समय नहीं था इसलिए अदालत में शादी का फैसला किया गया. उसके बाद सूची में सुनीता का नाम शामिल करा कर ग्राम प्रधान का नामांकन कराया गया.
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श्रीपाल ने बताया कि नामांकन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सुनीता अपने मायके लौट गई. चुनाव के दौरान वह मतदाताओं के बीच नहीं गई लेकिन उन्होंने और सुनीता के पति ओमेंद्र सिंह ने मतदाताओं के बीच जाकर समर्थन में वोट मांगे और ग्रामीणों ने सुनीता को ''मुंह दिखाई'' देते हुए उसे जीत दिला दी. श्रीपाल ने बताया कि शनिवार को ओमेंद्र और सुनीता की हिंदू रीति रिवाज से शादी की गई. दुल्हन की विदाई के लिए एक कंपनी से हेलीकॉप्टर बुक किया गया और रविवार दोपहर वह जब सुनीता आलमपुर कोट पहुंचा तो बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने हेलीपैड पर अपनी नई नवेली ग्राम प्रधान बहू का स्वागत किया. इलाके में इस पूरे घटनाक्रम की खासी चर्चा हो रही है.