पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने शनिवार को "व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं" का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. पुरोहित ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के एक दिन बाद इस्तीफा दिया है. पुरोहित ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
बनवारीलाल पुरोहित ने राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में कहा है कि, "अपने व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं के कारण, मैं पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से अपना इस्तीफा देता हूं. कृपया इसे स्वीकार करके उपकृत करें."
यह इस्तीफा राज्यपाल पुरोहित और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच तीखी जुबानी जंग के बाद आया है.
पिछले साल अगस्त में बनवारीलाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने उन्हें चेतावनी दी थी कि यदि उनके पत्रों का उत्तर नहीं दिया गया तो वे राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं और आपराधिक कार्रवाई शुरू कर सकते हैं.
मान के साथ नए पत्राचार में पुरोहित ने दोहराया कि उन्हें उनकी पिछली चिट्ठियों के कोई जवाब नहीं मिले हैं. उन्होंने मान को चेतावनी दी कि वे "संवैधानिक तंत्र की विफलता" को लेकरर राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज सकते हैं.
भगवंत मान ने पत्र का उत्तर देते हुए कहा कि राज्यपाल ने राज्य के "शांतिप्रिय लोगों को धमकी दी है." उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में कानून और व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है.
बनवारीलाल पुरोहित ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. उनकी यह मुलाकात चंडीगढ़ के महापौर चुनाव में बीजेपी की जीत के कुछ दिनों बाद हुई थी. महापौर चुनाव में तीनों पदों पर बीजेपी को जीत मिली है. इन चुनावों में कांग्रेस-आम आदमी पार्टी गठबंधन को झटका लगा और उसने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है.
आम आदमी पार्टी ने अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में दोबारा चुनाव कराने की मांग पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से की थी. बुधवार को हाईकोर्ट की पीठ ने आम आदमी पार्टी (AAP) को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई के ‘आप' पार्षद के अनुरोध पर विचार करने के लिए शुक्रवार को सहमति जताई थी.