बांग्लादेश में राजनीतिक संकट की वजह से वहां अर्थव्यवस्था धीमी पड़ती जा रही है, आर्थिक कारोबार ठप्प पड़ गया है. इसका सबसे ज़्यादा असर बांग्लादेश में कपड़ा व्यापार पर पड़ा है. इसकी वजह से ग्लोबल गारमेंट ट्रेड में चिंता बढ़ती जा रही हैं. बांग्लादेश में राजनीतिक अनिश्चितता का साया भारत-बांग्लादेश कारोबार पर सबसे ज़्यादा गहराता जा रहा है. सीमा-पार व्यापार लगभग रुक गया है, जिसे लेकर भारतीय एक्सपोर्टरों की चिंता बढ़ रही है.
बांग्लादेश ग्लोबल गारमेंट ट्रेड में मैन मेड (हाथों से बनाए गए फैब्रिक्स) फैब्रिक्स का हब माना जाता है. वहां संकट की वजह से रेडीमेड Man-Made गारमेंट्स की सप्लाई ठप्प हो गयी है, इसकी वजह से सबसे ज़्यादा असर Man-Made फैब्रिक्स पर पड़ने की आशंका है.
एनडीटीवी से बातचीत में Apparel Export Promotion Council के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा, "भारत में सबसे ज्यादा असर Fast Fashion Retailers/Stores जैसे ZARA, HNM पर पड़ा है जो बांग्लादेश से काफी ज्यादा रेडीमेड गारमेंट्स का इंपोर्ट करते हैं. इन स्टोर्स को ३-४ हफ्ते में अपने स्टॉक्स को replenish करना होता है. ZARA और H&M जैसे फास्ट फैशन स्टोर्स भारत के मुकाबले बांग्लादेश से 10 से 15 गुना ज्यादा रेडीमेड गारमेंट्स का आयात करते हैं".
"भारत से करीब US $ 2.5 Billion का COTTON FABRIC बांग्लादेश एक्सपोर्ट होता है जो इस राजनीतिक संकट की वजह से प्रभावित हो रहा है. बांग्लादेश इनका ड्यूटी फ्री इम्पोर्ट करता है भारत-बांग्लादेश FTA के तहत और फिर रेडीमेड गारमेंट्स बनाकर भारत के डोमेस्टिक और लोकल बाजार में रेडीमेड गारमेंट्स की सप्लाई करता है जो सस्ते होते हैं".
फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल और सीईओ डॉ.अजय सहाय के मुताबिक भारतीय एक्सपोर्टर हर रोज बांग्लादेश करीब 30 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट करते हैं. उन्होंने ने एनडीटीवी से कहा, "पिछले करीब 15 दिन से ट्रेड प्रभावित हो रहा है...कुछ दिन पहले बांग्लादेश में इंटरनेट सस्पेंड कर दिया गया था...इसकी वजह से पेमेंट ट्रांसफर की दिक्कत आ रही है"
सवाल बांग्लादेश में अंतरिम सरकार की आर्थिक रणनीति को लेकर भी उठ रहे हैं जिसका सीधा असर भारत-बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंधों पर भी पड़ेगा.