बांग्‍लादेश तख्तापलट से भारत के लिए क्या है चिंता? एक्सपर्ट से जानिए

बांग्‍लादेश की स्थिति ने भारत की चुनौतियों को बढ़ा दिया है. बांग्‍लादेश से बड़ी संख्‍या में अल्‍पसंख्‍यक भारत आ सकते हैं तो भारत की सुरक्षा चिंता भी बढ़ गई है.

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नई दिल्‍ली:

बांग्‍लादेश (Bangladesh) संकट ने भारत की चिंता को बढ़ा दिया है. दोनों देशों के बीच करीब 4,100 किमी लंबी सरहद है, जो भारत के 5 राज्‍यों से गुजरती है. भारत और बांग्‍लादेश के रिश्‍ते ऐतिहासिक, सांस्‍कृतिक और आर्थिक तौर पर जुड़े रहे हैं. 1971 में पूर्वी पाकिस्‍तान से बांग्‍लादेश के बनने में भारत का बड़ा योगदान रहा है. हालांकि शेख हसीना (Sheikh Hasina) के इस्‍तीफे और उनके बांग्‍लादेश छोड़ने ने भारत के लिए चुनौतियों को बढ़ा दिया है. बीएसएफ के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में बांग्‍लादेश की स्थिति को लेकर भारत पर होने वाले प्रभावों को लेकर आगाह किया है.  

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प्रकाश सिंह ने कहा कि बांग्‍लादेश में हमारे जो छात्र हैं और जो वापस आना चाहते हैं, उन्‍हें वापस लाया जाना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि वहां पर अल्‍पसंख्‍यकों पर हमले की खबरें आ रही है. ऐसे में जाहिर है कि भारी संख्‍या में हिंदू भी वहां से पलायन करना चाहेंगे और भारत में घुसने की कोशिश करेंगे. उन्‍होंने कहा कि कड़ी स्‍क्रीनिंग के बाद ही उन्‍हें भारत में भेजने की व्‍यवस्‍था की जाए. 

भारत की सुरक्षा के लिए होगा नया खतरा  : प्रकाश सिंह 

उन्‍होंने कहा कि दूरगामी दृष्टि से देखें तो पिछले 15 सालों में शेख हसीना की सत्ता के दौरान भारत से उनके संबंध बहुत ही सौहार्दपूर्ण थे और मैत्रीपूर्ण वातावरण में सारी समस्‍याएं सुलझती जा रही थीं. अब उन समस्‍याओं का क्‍या रूप होगा यह कहना काफी मुश्किल है, लेकिन यह स्‍पष्‍ट है कि हमें काफी दिक्‍कत आने वाली है.

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उन्‍होंने कहा कि एक वक्‍त पर बांग्‍लादेश भारत के नॉर्थ ईस्‍ट के उग्रवादी गुटों की शरणस्‍थली बन गया था. ऐसा न हो कि शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद बांग्‍लादेश एक बार फिर नॉर्थ-ईस्‍ट के उग्रवादी गुटों की शरणस्‍थली बन जाए. यदि ऐसा होता है तो भारत की सुरक्षा के लिए यह एक नया खतरा होगा. 

व्‍यापारिक संबंधों पर भी होगा असर : प्रकाश सिंह 

उन्‍होंने कहा कि भारत और बांग्‍लादेश के बीच कनेक्टिविटी हालिया दौर में काफी बेहतर हुई थी. यदि कनेक्टिविटी पर असर पड़ता है तो हमारे व्‍यापारिक संबंधों पर भी असर होगा. उन्‍होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्‍या यह है कि अब हमारा नॉर्थ-ईस्‍ट से संबंध पहले की तरह ही चिकन नेक के जरिए ही रह जाएगा जो कि रणनीतिक रूप से हमारे लिए बहुत बड़ी कमजोरी है. 

भारत को बांग्‍लादेश से प्रमुख रूप से आरएमजी कपास, सूती कपड़े, फाइबर और मसाले जैसी चीजों का आयात होता है. वहीं बांग्‍लादेश को 6,052 वस्‍तुओं का निर्यात किया जाता है. 

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अल्‍पसंख्‍यकों के पलायन पर क्‍या बोले प्रकाश सिंह?

उन्‍होंने कहा कि शेख हसीना के शासनकाल के दौरान भी उन पर हमले होते थे. शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद उन पर हमले बढ़ेंगे. उन्‍होंने कहा कि बांग्‍लादेश से पलायन होता है तो हमें सख्‍ती करनी होगी. यदि वो हिंदुओं को यहां पर भेजते हैं तो हमें भी रोहिंग्‍याओं और बांग्‍लादेशियों को आइडेंटिफाई करके वापस भेजना होगा. यदि हम झुकते चले गए तो वो हमें दबाते ही चले जाएंगे. 

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