बैंकॉक में भूकंप के कारण बेहद भयानक था मंजर, यात्रियों ने बयां किया आंखों देखा हाल  

अंकुश शर्मा नामक एक यात्री ने बताया कि इमारतें इतनी जोर से हिल रही थीं कि ऐसा लग रहा था जैसे मेरा सिर ऊपर-नीचे हिल रहा हो.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
भूकंप के तेज झटकों से थाईलैंड में हड़कंप मच गया.
नई दिल्‍ली :

म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप का मंजर बेहद भयावह था. उस वक्‍त वहां पर मौजूद लोगों ने भूकंप के वक्‍त की दहशत को बयान किया है और बताया है कि कैसे भूकंप के वक्‍त इमारतें इतनी जोर से हिलने लगी. साथ ही उन्‍होंने बताया कि लोग बेहद डर में थे और इमारतों का यह हाल देखकर के इधर-उधर भागने लगे थे. भूकंप के तेज झटकों से थाईलैंड में हड़कंप मच गया. बैंकॉक में अफरा-तफरी मच गई, ऊंची-ऊंची इमारतें हिलने लगीं, यातायात थम गया और सार्वजनिक परिवहन को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा. 

'इमारतें इतनी जोर से हिल रही थीं कि...' 

अंकुश शर्मा नामक एक यात्री ने बताया, ‘‘इमारतें इतनी जोर से हिल रही थीं कि ऐसा लग रहा था जैसे मेरा सिर ऊपर-नीचे हिल रहा हो.''

जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र ने बताया कि शुक्रवार दोपहर को आए इस भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर (6.2 मील)थी. भूकंप के कारण अब तक 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 

थाईलैंड की राजधानी में भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए, जिससे लोग डर के मारे इमारतों से बाहर भागने लगे. 

30 मिनट के रास्‍ते में तीन-चार घंटे लगे: प्रत्‍यक्षदर्शी

भारत के एक अन्य यात्री अजय ने अपने भयावह अनुभव को साझा करते हुए बताया, ‘‘मैं कई बार बैंकॉक गया हूं, लेकिन मुझे हवाई अड्डे तक पहुंचने में कभी इतना समय नहीं लगा. यातायात इतना खराब था कि 30 मिनट के रास्ते में मुझे तीन से चार घंटे लग गए. कई इमारतें नष्ट हो गई हैं.''

थाईलैंड से हाल ही में भारत लौटीं दर्शन कौर ने भूकंप के बाद की वहां व्याप्त भयानक शांति को बयां करते हुए कहा, ‘‘भूकंप के कारण सभी मॉल और सार्वजनिक स्थान बंद कर दिए गए हैं.''

Advertisement

शहर में दहशत फैल गई तथा निवासी और पर्यटक सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे. कई लोग घंटों तक बाहर ही रहे, जिससे यातायात जाम हो गया और दैनिक जीवन में व्यवधान उत्पन्न हो गया. 

Featured Video Of The Day
Gandhinagar Clash: गांधीनगर में 'गदर', किसने दिया ऑर्डर? | Navratri | Kachehri | Shubhankar Mishra
Topics mentioned in this article