बेंगलुरु (Bengaluru) की एक स्टार्टअप कंपनी को अपनी बैटरी के लिए यूरोप की अक्षय ऊर्जा कंपनी से ऑर्डर मिला है. खास बात यह है कि इस बैटरी (Battery) को टेस्ला (Tesla) के एक पूर्व इंजीनियर ने डिजाइन किया है. कंपनी का दावा है कि यह दुनिया की सबसे अधिक ऊर्जा सघन बैटरियों में से है. इससे घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है. स्टार्टअप कंपनी प्रवेग के सह-संस्थापक सिद्धार्थ बागड़ी ने बताया कि यूरोप की अक्षय ऊर्जा कंपनी एरेन ग्रुप ने अपने स्टोरेज एप्लिकेशंस के लिए इस बैटरी का ऑर्डर दिया है.
उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम ने इन बैटरियों के भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर परियोजनाओं में इस्तेमाल की संभावनाएं खोल दी हैं. बैटरी किसी इलेक्ट्रिक वाहन का महत्वपूर्ण घटक है. इसके पूरी तरह चार्ज होने पर वाहन कितने किलोमीटर दौड़ सकते हैं और बैटरी को चार्ज करने में कितना समय लगता है, यह हरित वाहन की सफलता की दृष्टि से महत्वपूर्ण है.
यह सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य से ऊर्जा पूरे दिन और सभी दिनों में उपलब्ध नहीं होती है, जिससे इसके भंडारण की आवश्यकता होती है. धवल विंके खुल्लर के साथ प्रवेग की स्थापना करने वाले बागड़ी ने कहा कि एरेन ग्रुप द्वारा प्रवेग से 54 एमडब्ल्यूएच (मेगावॉट घंटे) बैटरी की खरीद की जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले एक दशक से एक ईवी के प्रोटोटाइप पर काम कर रहे हैं और इस दौरान हमने एक अत्यधिक सघन तेजी से चार्ज होने वाली बैटरी तैयार की है. इस बैटरी को पूरी तरह चार्ज करने में सिर्फ आधा घंटा लगता है.''उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह अत्यधिक सघन बैटरी है. इस वजह से यह लागत दक्ष भी है.