तो मैं पूरे भारत में BJP की नींव हिला दूंगी... बंगाल में SIR न टालने पर ममता की खुली ललकार

बोनगांव में एक रैली में उन्होंने आरोप लगाया कि 'इलेक्शन कमीशन' अब एक निष्पक्ष संस्था न रहकर 'बीजेपी कमीशन' बन गई है. साथ ही SIR प्रक्रिया से नाखुश ममता ने बीजेपी को खुली चेतावनी देकर उसकी पूरे भारत में नींव हिलाने सीधी धमकी दे डाली.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए इसे बीजेपी कमीशन करार दिया है और तीखा हमला बोला है
  • उन्होंने SIR प्रक्रिया को चुनाव में उत्पन्न आपदा बताया और भाजपा को पूरे भारत में नींव हिलाने की चेतावनी दी है
  • सीएम ने CEC को पत्र लिखकर डेटा एंट्री कर्मियों की नियुक्ति में राजनीतिक पक्षपात की आशंका जताई है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
बोनगांव/कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एक बार फिर चुनाव आयोग और बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है. बोनगांव में एक रैली में उन्होंने आरोप लगाया कि 'इलेक्शन कमीशन' अब एक निष्पक्ष संस्था न रहकर 'बीजेपी कमीशन' बन गई है. साथ ही SIR प्रक्रिया से नाखुश ममता ने बीजेपी को खुली चेतावनी देकर उसकी पूरे भारत में नींव हिलाने सीधी धमकी दे डाली. दीदी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर हाल ही के दो चुनाव संबंधी निर्देशों पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की.

SIR आपदा और बीजेपी को चुनौती

बोनगांव की रैली में ममता बनर्जी ने SIR प्रक्रिया और बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि एसआईआर के बाद जब मतदाता सूची का मसौदा जारी होगा, तब लोगों को चुनाव आयोग और भाजपा द्वारा पैदा की गई "आपदा" का एहसास होगा. ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा राजनीतिक रूप से उनका मुकाबला नहीं कर सकती और न ही उन्हें हरा सकती है, उन्होंने कहा, "अगर भाजपा बंगाल में मुझे चोट पहुंचाने की कोशिश करेगी तो मैं पूरे भारत में उसकी नींव हिला दूंगी." 

सीएम ममता बनर्जी ने यह दावा भी किया कि बिहार चुनाव का नतीजा एसआईआर का परिणाम है, और विपक्ष वहां बीजेपी की चाल को भांप नहीं सका. उन्होंने यह भी दोहराया कि यदि एसआईआर दो-तीन सालों में किया जाए, तो उनकी सरकार इस प्रक्रिया को हरसंभव संसाधन के साथ समर्थन देगी. 

वहीं, ममता बनर्जी की चुनौती पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है. बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे भारत में SIR होना है. 12 राज्यों में चल रहा है. लेकिन बंगाल में ममता इतना शोर क्यों मचा रही हैं. उसका कारण है कि जो ममता मौजूदा वोटर लिस्ट के आधार पर चुनाव करना चाहती हैं, जो अब संभव नहीं है. एक महिला का नाम पश्चिम बंगाल में आठ जगह है. 

Advertisement


हेलीकॉप्टर यात्रा रद्द करने की साजिश में बीजेपी: ममता

इसी बीच, ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा बनगांव के लिए उनकी हेलीकॉप्टर यात्रा रद्द करने की साजिश में शामिल है. उन्होंने विपक्षी दल को चेतावनी दी कि वह उनके साथ खेलने की कोशिश न करें, क्योंकि उन्हें कोई परेशान नहीं कर सकता. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ममता की बनगांव में राजनीतिक रैली के लिए निर्धारित हेलीकॉप्टर यात्रा रद्द कर दी गई, क्योंकि अधिकारियों ने पाया कि इस यात्रा के लिए आवंटित हेलीकॉप्टर की लाइसेंस अवधि समाप्त हो चुकी थी.


सीईसी को पत्र लिखकर उठाए दो बड़े सवाल

सीएम ने सोमवार को सीईसी ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर दो हालिया मुद्दों में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने अपने 'एक्स' अकाउंट पर पत्र साझा करते हुए आश्चर्य जताया कि क्या ये मामले एक राजनीतिक दल की मदद के लिए उठाए जा रहे हैं.

Advertisement

Add image caption here

1. डेटा एंट्री कर्मियों की नियुक्ति पर आपत्ति

पहला मुद्दा एसआईआर या अन्य चुनाव संबंधी कार्यों के लिए डेटा एंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति से संबंधित है. पत्र में उल्लेख किया गया है कि राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) को निर्देश दिया है कि वे SIR कार्यों के लिए संविदा पर डेटा एंट्री ऑपरेटरों और बांग्ला सहायता केंद्र (BSK) के कर्मचारियों को नियुक्त न करें.

 
इसके साथ ही, सीईओ कार्यालय ने एक वर्ष की अवधि के लिए 1,000 डेटा एंट्री ऑपरेटरों और 50 सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की नियुक्ति के लिए एक बाहरी एजेंसी (RFP) से अनुरोध जारी किया है. ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि जब क्षेत्रीय कार्यालयों में ऐसे कार्यों के लिए पहले से ही पर्याप्त और सक्षम पेशेवर मौजूद हैं, तो एक ही काम के लिए पूरे एक साल के लिए बाहरी एजेंसी से कराने की क्या जरूरत है. उन्होंने आशंका जताई कि यह कवायद किसी राजनीतिक दल के इशारे पर निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए की जा रही है?  

Advertisement

2. निजी परिसर में पोलिंग बूथ स्थापित करने का प्रस्ताव

मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग द्वारा निजी आवासीय परिसरों के अंदर मतदान केंद्र स्थापित करने के कथित प्रस्ताव पर भी कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने दावा किया कि मतदान केंद्र हमेशा सुगमता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी या अर्ध-सरकारी संस्थानों में स्थापित किए जाते हैं.

सीएम ने कहा कि ऐसे स्थान निष्पक्षता से समझौता करते हैं, स्थापित मानदंडों का उल्लंघन करते हैं और यह कदम किसी राजनीतिक दल के दबाव में अपने पक्षपातपूर्ण हितों को आगे बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने अंत में निर्वाचन आयोग की गरिमा और विश्वसनीयता पर जोर देते हुए अत्यंत गंभीरता, निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ इन दोनों मुद्दों की जांच करने का आग्रह किया.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Bangladesh Violence: कौन था Sharif Osman Hadi? | विरोधियों ने जला दिया Sheikh Hasina का घर | Dhaka