झारखंड में पान मसालों की बिक्री पर प्रतिबंध एक साल के लिये बढ़ाया गया

मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में आहूत उच्चस्तरीय बैठक में दिये गए निर्देश के आलोक में राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त अरुण कुमार सिंह ने 11 पान मसालों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध को एक वर्ष के लिए आगे बढ़ा दिया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
रांची:

झारखंड सरकार ने पान मसालों के विभिन्न ब्रांडों की जांच में मैग्नीशियम कार्बोनेट पाये जाने के बाद प्रदेश में रजनीगंधा, विमल, पान पराग समेत 11 पान मसालों के उत्पादन, भंडारण तथा बिक्री पर 12 महीने के लिए प्रतिबंध को आगे बढ़ा दिया है. एक प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी . सरकारी प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में आहूत उच्चस्तरीय बैठक में दिये गए निर्देश के आलोक में राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त अरुण कुमार सिंह ने 11 पान मसालों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध को एक वर्ष के लिए आगे बढ़ा दिया है.

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उन्होंने बताया कि इन पान मसालों में रजनीगंधा, विमल, शिखर, पान पराग, दिलरुबा, राजनिवास, सोहरत, मुसाफिर, मधु, बहार, पान पराग प्रीमियम आदि शामिल हैं . उन्होंने बताया कि यह प्रतिबंध विभिन्न जिलों से प्राप्त पान मसालों के नमूनों के जांच में मैग्नीशियम कार्बोनेट की मात्रा पाए जाने के कारण लगाई गई है. प्रवक्ता ने बताया कि मैग्निशियम कार्बोनेट से हृदय की बीमारी सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियां होती है.

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पान मसाला के लिए फूड सेफ्टी एक्ट 2006 में दिए गए मानक के मुताबिक मैग्नीशियम कार्बोनेट मिलाया जाना प्रतिबंधित है. अतः जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह प्रतिबंध फिलहाल एक वर्ष के लिए आगे बढ़ा दिया गया है. प्रवक्ता ने बताया कि इन पान मसालों को रखने, उनका उपयोग करने पर सख्त कार्रवाई के भी निर्देश दिये गये हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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