ओडिशा रेल हादसा : ना मुसाफिर को मंजिल मिली, न पैगाम को...

ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार रात ट्रेन दुर्घटना में 270 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. देश के सबसे भीषण रेल हादसों में से एक इस दुर्घटना में 1100 से ज्यादा यात्री घायल हुए हैं.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
पटरियों के बीच एक डायरी भी पड़ी है...इसके पन्नों पर पैगाम-ए-मुहब्बत लिखा था
कोलकाता:

बालासोर ट्रेन हादसे के बाद पटरियों पर मुसाफिरों का सामान इधर-उधर फैला पड़ा है. पटरियों के बीच एक डायरी भी पड़ी है... हवा के साथ डायरी के पन्ने फड़फड़ाते हैं...पन्नों पर किसी के लिए, किसी ने पैगाम ए मुहब्बत लिखा था. अब हादसे के बाद ये पैगाम उस तक कभी नहीं पहुंच पाएगा, जिसके लिए बांग्ला में किसी ने अपने हाथ से ये कविताएं लिखी थीं.

डायरी के एक फटे पन्ने पर एक तरफ हाथियों, मछलियों और सूरज के रेखा चित्र बने हैं. सफर में किसी यात्री ने खाली वक्त में इन्हें लिखा होगा. हालांकि, इस मुसाफिर की पहचान अब तक पता नहीं हो सकी है.

कविता कुछ इस तरह से है, ‘अल्पो अल्पो मेघा थाके, हल्का ब्रिस्टी होय, चोटो चोटो गोलपो ठेके भालोबासा सृष्टि होय' (ठहरे ठहरे बादलों से बरसती हैं बूंदे, जो हमने तुमने सुनी थी कहानियां, उनमें खिलती हैं मुहब्बत की कलियां). इन पन्नों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं।

एक और अधूरी कविता कहती है, “भालोबेशी तोके चाई साराखोन, अचिस तुई मोनेर साठे... ( मुझे हर वक्त तुम्हारी जरूरत है, हर वक्त मेरे दिल-ओ-दिमाग में तुम ही छाई हो).

सोशल मीडिया पर लोगों ने इन कविताओं पर कहा कि किसी के प्रेम में डूब कर लिखी गई ये पंक्तियां दिल को चीरने वाली हैं, ओह ! जिंदगी कैसी पहेली है.

स्थानीय पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अब तक इस डायरी पर दावा करने कोई नहीं आया है. लिखने वाले के साथ क्या हुआ? इसकी भी जानकारी नहीं है.

ये भी पढ़ें :-

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
SC On Rahul Gandhi: Savarkar Controversy पर SC ने राहुल को लगाई फटकार, 'उन्होंने हमें आजादी दिलाई'
Topics mentioned in this article