बदलापुर मामले में 11 घंटे तक थाने में इंतजार करते रहे पेरेंट्स, फिर दर्ज हुई FIR

महाराष्‍ट्र के बदलापुर में दो बच्चियों के यौन शोषण मामले में विपक्ष ने सरकार को घेरा है. विपक्ष का आरोप है कि एफआईआर दर्ज करने से पहले पीड़ित ब‍च्‍ची के मां-बाप को 11 घंटे तक इंतजार करवाया गया.

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नई दिल्ली :

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) के ठाणे के एक स्कूल में यौन शोषण का शिकार नर्सरी की छात्रा के माता-पिता ने कहा है कि उन्हें इस भयानक अपराध के बारे में उस वक्‍त पता चला जब नर्सरी की एक अन्य छात्रा के माता-पिता ने उन्‍हें इस बारे में बताया और कहा कि वे इसे लेकर मामला दर्ज कराएंगे. उनकी बच्‍ची का भी यौन शोषण किया गया था. इस मामले में ठाणे के बदलापुर में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर के मुताबिक, बच्‍ची के माता-पिता अपनी बच्‍ची को मेडिकल टेस्‍ट के लिए लेकर गए, जिसमें यौन शोषण की पुष्टि हुई. 

इसके साथ ही माता-पिता ने कहा कि अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में काफी देरी की. यह घटना 13 अगस्त की है, लेकिन पुलिस ने 16 अगस्त को मामला दर्ज किया. 

क्‍या कोई संवेदनशीलता बची है : वडेट्टीवार

इस मामले में विपक्षी दलों का दावा है कि माता-पिता को एफआईआर दर्ज कराने के लिए लिए कथित तौर पर 11 घंटे तक इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ा. 

महाराष्‍ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘साढ़े तीन साल की बच्ची और चार साल की एक बच्ची का उत्‍पीड़न किया गया और थाने में जब वे (अभिभावक) शिकायत दर्ज कराने गए तो उन्हें 11 घंटे तक इंतजार करना पड़ा...क्या कोई संवेदनशीलता बची है? मैंने पुलिस आयुक्त से बात की और उनसे कहा कि इस देरी के लिए जिम्मेदार महिला पुलिस अधिकारी को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए.''

चार साल की दो बच्चियों ने अपने माता-पिता को बताया कि स्कूल में एक "दादा" (एक अनजान व्‍यक्ति) उनका यौन शोषण करता था. 

आरोपी को मौत की सजा देने की मांग

चार साल की दो बच्चियों के साथ यौन शोषण को लेकर ठाणे में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. हजारों की संख्‍या में प्रदर्शनकारी सुबह बदलापुर के रेलवे स्टेशन पर जमा हुए और ट्रेनों की आवाजाही को रोक दिया गया. 

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छह घंटों के दौरान भीड़ बढ़ गई, जिससे ट्रेनों की आवाजाही और कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता पैदा हो गई. तनाव को कम करने के सरकार के प्रयासों का जवाब भीड़ ने 'फांसी, फांसी' के नारों से दिया. लोग नर्सरी की बच्चियों के यौन उत्पीड़न में कथित रूप से शामिल स्‍कूल के 23 साल के सफाई कर्मचारी के लिए मौत की सजा की मांग कर रहे हैं. 

इस मामले में पद्मश्री से सम्मानित वकील उज्ज्वल निकम को मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है. निकम को 26/11 मुंबई आतंकी हमले के साथ ही  हाई-प्रोफाइल हत्या और आतंकवाद के मामलों को लेकर जाना जाता है. 

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