बदायूं में दो बच्चों की निर्मम हत्या के मामले में मुठभेड़ में मारे गये मुख्य आरोपी साजिद के भाई एवं सह आरोपी जावेद ने बरेली में आत्मसमर्पण कर दिया था. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. अब इस मामले में एसएसपी बदायूं ने कई अहम जानकारी दी. उनके मुताबिक जावेद ने पूछताछ में बताया कि दोनों भाई नाई के तौर पर दुकान में पिछले 4-5 साल से काम कर रहे थे. साजिद का पीड़ित परिवार के यहां आना जाना था और वो दुकान में रूटीन में 8 साढ़े 8 बजे दुकान से आते थे. उस दिन भी दोनों उसी समय आए ,साजिद गुमसुम था, वहीं जावेद ने नार्मल काम किया. लेकिन 10 बजे साजिद ने कहा उसे कुछ दिक्कत आ रही है. जिसके बाद वो डॉक्टर के यहां जाने को कहकर गया और 1.30 बजे आया, पूछताछ में भी मालूम हुआ कि साजिद बचपन से बहुत बीमार रहता था.
इसके पिता पीर और कई जगहों पर उसे दिखा चुके हैं, जब उसे इतनी दिक्कत आती थी तब वो बहुत एग्रेसिव हो जाता था. जावेद ने बताया एग्रेसिव होकर एक बार उसने चूहे मारने की दवाई खा ली थी. उस दिन ये 1.30 बजे वापिस अपने गांव बदायूं के पास सुकानु चले गए. भाई जावेद के कहने पर कि चिकन खाया फिर वो चिकन खाकर वापस दुकान आ गए. साजिद ने कहा उसे लग रहा है खून की उल्टी फील हो रही है. साजिद के हाथ मे 05.30 बजे एक चाकू दिखा, जहां से खरीदा उसकी पहचान कर ली है. जावेद को बताया चिकन काटने के लिए लिया है. फिर साजिद विनोद के घर गया और छत पर खून के कपड़ो में दिखा तो ये डर गया और फिर साजिद और जावेद भाग गए. जिसके बाद साजिद का एनकाउंटर हुआ.
साजिद को क्या वाकई कोई बीमारी थी ऐसी सीरियस ये जांच करा रहे हैं, जावेद का ये कहना है साजिद अकेला गया था मैं नीचे खड़ा था. आसपास के लोगों का भी कहना है जावेद को इलाके में देखा था. मोटिव अभी तक लग रहा है वो बीमार था और बहुत एग्रेसिव था, उसकी शादी में भी दिक्कत थी, पैदा होते ही बच्चे मर गए थे. इसलिए वो मानसिक तौर पर परेशान रहता था. तंत्र मंत्र के सवाल पर कहना है अभी जांच जारी है, अभी ऐसा नही कह सकते. उसका कहना है जब साजिद चाकू लेकर आया तो उसने नही बताया था कि वो हत्या करने जा रहा है पर साथ गए और जब हत्या की, साजिद ने वापिस आकर बताया कि उसने क्या किया, तब जाकर दोनों एक साथ में भागे.
अगर पीड़ित परिवार के बयानों में विरोधाभास है तो सबको एग्जामिन भी किया जाएगा. किसी स्पेसिफिक बाबा या पीर ने उसे भड़काया है ऐसा करने को कहा, ये स्पेसिफिक किसी का नाम नही आया है, क्या वाकई बीमार था मानसिक तौर पर ये सब बातें अभी जावेद ने बताई है. लेकिन इन सबको क्रॉस वैरिफाई करना है. विरोधाभाष दादी के बयान, मां के बयान, एफआईआर में अलग बयान है. हम जरूरत पड़ने पर परिवार से बच्चो की मां से पूछताछ करेंगे, परिवार की स्थिति देखते हुए ऐसा नहीं किया गया. पिता से, मां से कुछ पर्सनल इश्यू था क्या पैसों की रंजिश के अलावा? परिवार ने ऐसा कोई मोटिव नही बताया. कोई रंजिश, या पर्सनल इश्यू के बारे में जावेद ने भी नहीं बताया.
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