पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) के सांसद पद छोड़ने के फैसले से पलटने को लेकर विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस ने उनका मजाक उड़ाया और आरोप लगाया कि उन्होंने पार्टी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए ही ''सोची-समझी रणनीति के तहत सांसद पद छोड़ने के फैसले का नाटक किया.'' हालांकि, भाजपा की पश्चिम इकाई ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साधी हुई है. इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की और उसके बाद कहा कि वह सांसद तो बने रहेंगे लेकिन सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं रहेंगे.
पश्चिम बंगाल के आसनसोल से सांसद और गायन की दुनिया से राजनीति में आए सुप्रियो ने शनिवार को फेसबुक के जरिए घोषणा की थी कि वह बतौर सांसद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और राजनीति से संन्यास ले लेंगे.
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि केंद्र में मंत्री पद से हटाए जाने के बाद से ही बाबुल सुप्रियो ''नाटक'' कर रहे थे. घोष ने कहा, ''अगर वह इस्तीफा देने के इतने ही इच्छुक थे तो उन्हें अपना त्यागपत्र लोकसभा अध्यक्ष को भेजना चाहिए. इसके बजाय वे नाटक कर रहे हैं. हमें पता था कि देर-सवेर वह फैसले से पलट जाएंगे.''
गौरतलब है कि राजनीति छोड़ने और सांसद का पद त्यागने का फैसला करने के एक दिन बाद ही पूर्व मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अपने इस फैसले को रद्द कर दिया. बॉलीवुड गायक से नेता बने सुप्रियो ने सोमवार को कहा कि वो बिना राजनीतिक रूप से सक्रिय रहे अपनी संसदीय जिम्मेदारी का निर्वहन करते रहेंगे. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद बाबुल सुप्रियो के इरादे में ये बदलाव सामने आया है. बंगाल के आसनसोल से सांसद सुप्रियो को हालही केंद्रीय कैबिनेट से बाहर कर दिया गया था. उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखते हुए राजनीति से अलविदा लेना का ऐलान किया था. उन्होंने लिखा था, 'जा रहा हूं.. अलविदा... अगर आप सोशल वर्क करना चाहते हैं तो वह बिना राजनीति में रहे भी कर सकते है.'