पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) ने आज भाजपा (BJP) की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. NDTV से खास बातचीत में बाबुल सुप्रियो ने कहा कि उनका भाजपा से मोहभंग हो चुका है, क्योंकि उन्हें बेंच पर बैठे रहना पसंद नहीं है.. जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया. सुप्रियो ने कहा, "मैंने निराशा महसूस की... मैंने सात साल की कड़ी मेहनत की ... मेरे विरोधी भी नहीं कहेंगे कि मैंने बंगाल में भाजपा के लिए लड़ाई नहीं लड़ी या मैंने पार्टी के लिए पर्याप्त मेहनत नहीं की." उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि मुझे एक ऐसी टीम में जाना चाहिए, जहां कोच मुझे टीम में चाहते हैं और खुले हाथों से मेरा स्वागत करते हैं."
आसनसोल के सांसद ने कहा, "पिछले तीन दिनों में सब कुछ हुआ."उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने उन्हें "रोमांचक और चुनौतीपूर्ण अवसर" के बारे में बताया.
सुप्रियो ने पूरी जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि वह पूरी तरह से जानते हैं कि राजनीतिक विपक्ष उनके "प्रमुख यू-टर्न" के बारे में "वह कहेगा जो वह कहना चाहता है". अगस्त में, आसनसोल के सांसद ने कहा था कि वह केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री के रूप में हटाए जाने के बाद राजनीति छोड़ रहे हैं. खुद को "एक टीम का खिलाड़ी" बताते हुए उन्होंने कहा था कि वह किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होंगे.
हालांकि, वह आज ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्होंने कहा, "जीवन में आपके साथ कुछ चीजें होती हैं. आप उस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं जो आपको उचित लगता है. मेरी राजनीति छोड़ना पूरे दिल से था."
ममता दीदी और अभिषेक (बनर्जी) ने जिस भाव से मुझसे पेश आए, उसने यह स्थिति बदल दी कि केंद्रीय राजनीति में मेरे सात साल के अनुभव को एक नए तरीके से पुनर्जीवित किया जा सकता है."
मई में विधानसभा चुनाव जीतने और सत्ता बरकरार रखने के बाद, सुप्रियो चार विधायकों के अलावा, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की पार्टी में शामिल होने वाले पांचवें भाजपा नेता हैं. फ़ुटबॉल टीम का उदाहरण देते हुए सुप्रियो ने कहा, "मैं वास्तव में बेंच पर बैठने के लिए ठीक नहीं हूं."