बाबर क्या, उसका बाप भी... बंगाल में बाबरी मस्जिद बना रहे हुमायूं कबीर पर भड़के बीजेपी नेता

पश्चिम बंगाल में 'बाबरी मस्जिद' के मुद्दे को लेकर मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमीत मालवीय ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आग से खेल रही हैं. यह तथाकथित मस्जिद परियोजना कोई धार्मिक प्रयास नहीं, बल्कि एक राजनीतिक प्रयास है, जिसका उद्देश्य भावनाओं को भड़काना और वोट बैंक को मजबूत करना है.

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मस्जिद कोई धार्मिक नहीं, बल्कि एक राजनीतिक प्रयास
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  • पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद बनाने की योजना राजनीतिक तनाव बढ़ा रही है
  • बीजेपी नेताओं ने इस मस्जिद परियोजना को मुस्लिम भावनाओं का ध्रुवीकरण कर वोट बैंक मजबूत करने का प्रयास बताया है
  • हुमायूं कबीर को राज्य में सत्ता का संरक्षण मिलने के कारण उनकी हिम्मत और राजनीतिक गतिविधियां बढ़ी हुई हैं
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नई दिल्‍ली:

Babri Masjid in Bengal तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी मस्जिद' की तर्ज पर बनाई जा रही मस्जिद को बीजेपी नेता मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की सोची समझी साजिश बता रहे हैं, जो मुस्लिम भावनाओं का ध्रुवीकरण करने के लिए की जा रही है. बीजेपी नेता अमीत मालवीय का कहना है कि यह तथाकथित मस्जिद परियोजना कोई धार्मिक प्रयास नहीं, बल्कि एक राजनीतिक प्रयास है, जिसका उद्देश्य भावनाओं को भड़काना और वोट बैंक को मजबूत करना है. वहीं, बीजेपी नेता मुख्‍तार अब्‍बास नकवी का कहना है कि उत्‍तर प्रदेश में किसी की इतनी हिम्‍मत नहीं है कि वो ऐसा कदम उठाने के बारे में सोचे. लेकिन बंगाल में हुमायूं कबीर को सत्‍ता का संरक्षण मिला है, तभी उनके हौसले इतने बुलंद हैं. 

मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनाई जा रही मस्जिद के मद्दे ने राज्य में राजनीतिक रूप से तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है. बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हुमायूं कबीर को राज्‍य की सत्‍ता का संरक्षण है. हालांकि, मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'बाबर क्या, उसका बाप उमर शेख़ भी कब्र से आ जाए, तो इतनी हिम्मत नहीं कर सकता. उस घाव को भरने का काम हमलोगों ने कर दिया है. यही काम यूपी में कर के दिखा दें, नहीं कर पाएंगे. पश्चिम बंगाल में यह इसलिए हो पा रहा है, क्‍योंकि वहां सत्ता का संरक्षण है.'

'किसी की विरासत मिटाने की कोशिश नहीं हो रही'

वहीं, सोनिया गांधी के नेहरू वाले बयान पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि किसी की विरासत मिटाने की कोशिश नहीं हो रही है. लेकिन कांग्रेस को इस मानसिकता से बाहर आना पड़ेगा कि नेहरू हिंदुस्तान हैं और हिंदुस्तान नेहरू. भारत की तरक्‍की के लिए कई और लोगों ने भी योगदान दिया है और उनको भी याद करने की जरूरत है. वहीं, राहुल गांधी को पर तंज कसते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कुछ लोग हाथ में संविधान लेकर घूम तो रहे हैं, लेकिन उनकी हरकतें संविधान के मूल्यों और मर्यादाओं के बिल्कुल ख़िलाफ़ हैं. साज़िशों से भरी हुई और पूरी तरह असंवैधानिक है. अराजकता फैलाने वाले ऐसे लोग संवैधानिक मूल्यों, संस्थाओं और व्यवस्था के खिलाफ भय और भ्रम का जाल बुनने की कोशिश कर रहे हैं. जब किसी व्यक्ति के पास तर्क की कंगाली होती है, तो कुतर्क का मवाली बन जाता है.

ममता बनर्जी आग से खेल रहीं 

बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमीत मालवीय ने बंगाल में बन रही 'बाबरी मस्जिद' के मुद्दे को लेकर मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया. उन्‍होंने मुर्शिदाबाद के बेलडांगा का एक वीडियो अपनी सोशल मीडिया पोस्‍ट में शेयर करते हुए लिखा, 'पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आग से खेल रही हैं. मुर्शिदाबाद के बेलडांगा से आ रही खबरों ने बेहद चिंता पैदा कर दी है, जहां ममता बनर्जी राजनीतिक लाभ के लिए मुस्लिम भावनाओं का ध्रुवीकरण करने के लिए 'निलंबित' टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर का इस्तेमाल कर रही हैं. स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, कबीर के मुस्लिम समर्थकों के समूह ईंटें लेकर उस जगह का निर्माण करते देखे गए हैं जिसे वे बाबरी मस्जिद बता रहे हैं. उन्होंने यह भी दावा किया है कि पश्चिम बंगाल पुलिस उनका समर्थन कर रही है और इस गतिविधि के लिए सुरक्षा प्रदान कर रही है.'

मस्जिद कोई धार्मिक नहीं, बल्कि एक राजनीतिक प्रयास

अमित मालवीय ने लिखा, 'बेलडांगा राज्य के सबसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है, जहां झड़पों का एक लंबा और अशांत इतिहास रहा है. यहां कोई भी संगठित अशांति उत्तर बंगाल को राज्य के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली जीवनरेखा, NH-12 को अवरुद्ध कर सकती है. ऐसी स्थिति में कानून-व्यवस्था, आवाजाही और न केवल राज्य की आंतरिक एकता, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर परिणाम होंगे. यह तथाकथित मस्जिद परियोजना कोई धार्मिक प्रयास नहीं, बल्कि एक राजनीतिक प्रयास है, जिसका उद्देश्य भावनाओं को भड़काना और वोट बैंक को मजबूत करना है. समुदाय की सेवा करने की बात तो दूर, वे चेतावनी देते हैं कि इससे बंगाल की स्थिरता को गंभीर खतरा है, जिससे तनाव बढ़ने और राज्य के सामाजिक ताने-बाने के बिखरने का खतरा है. लेकिन ममता बनर्जी किसी भी हद तक जा सकती हैं, चाहे इसके लिए उन्हें पश्चिम बंगाल को उथल-पुथल की ओर ही क्यों न धकेलना पड़े.

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विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हिंदू समुदाय पर हमलों और तनाव की आशंका को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दावा किया कि जिले में हाल ही में एक स्थानीय टीएमसी विधायक के बयान के बाद फिर से सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. बंसल ने चेतावनी दी कि यदि बाबरी मस्जिद के नाम पर कहीं भी हिंदुओं पर हमले होते हैं तो इसकी जिम्मेदारी सीधे विधायक हुमायूं कबीर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य प्रशासन की होगी. इस बात की जानकारी उन्होंने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के जरिए दी.

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लोग सिर पर ईंटें... 1992 में भी हुआ :  कांग्रेस सांसद इमरान मसूद

कांग्रेस बंगाल में बन रही 'बाबरी मस्जिद' के मुद्दे पर बीजेपी और ममता सरकार दोनों को घेरते हुए नजर आ रही है. कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का कहना है, 'मस्जिद इबादत की जगह है, न कि सियासत की. हुमायूं कबीर 2019 में बीजेपी से चुनाव लड़ चुके हैं, क्‍या उन्हीं के कहने पर वह ऐसा कर रहे हैं? ममता बनर्जी अगर सख्त प्रशासक हैं, तो उन्हें इनके खिलाफ़ एक्शन लेना चाहिए. सर पर ईंट रखकर ले जा रहे हैं, यही सब तो 1992 में भी हुआ था. वही, तमाशा ये भी कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुसलमान एक सच्चाई को स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन हुमायूं कबीर जैसे लोग मुसलमानों के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं.  
 

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