एक Email और खुल गया बाबा का डर्टी 'खेल'... दिल्ली पुलिस ने बाबा चैतन्यानंद मामले में किए कई बड़े खुलासे

पुलिस ने अब तक 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए हैं .इनमें से ज्यादातर गरीब तबके  या फौजी परिवारों से आती. उनकी आर्थिक और पारिवारिक स्थिति कमजोर है, इसलिए वे मजबूरी में चुप रहीं.

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बाबा चैतन्यानंद के लिए कई राज्यों में छापेमारी कर रही है पुलिस
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  • दिल्ली पुलिस ने बाबा चैतन्यानंद के खिलाफ उनके आश्रम और अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर रही है
  • एक पूर्व छात्रा के पत्र ने बाबा के यौन उत्पीड़न के मामले का खुलासा कर दिया
  • कई छात्राओं की शिकायतों के बाद संस्थान की गवर्निंग काउंसिल ने वर्चुअल बैठक कर मामले की जांच शुरू की थी
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नई दिल्ली:

दिल्ली के आश्रम में चल रह डर्टी गेम का अब पर्दाफाश हो गया है. पुलिस बाबा चैतन्यानंद को गिरफ्तार करने के लिए उसके अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. पुलिस के जारी एक्शन के बीच ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर डर्टी बाबा के डर्टी गेम का आखिरकार खुलासा कैसे हुआ है. आखिर कैसे बाबा चैतन्यानंद की करतूत सबके सामने आ गई और कैसे उसके खौफ का साम्राज्य एक झटके में ध्वस्त हो गया. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर इस पूरे मामले का खुलासा कैसे हुआ.

एक पत्र और एक ईमेल ने खोले राज

दिल्ली पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाबा चैतन्यानंद और उनके डर्टी गेम को उजागर करने में एक पूर्व छात्र और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन के एक ईमेल ने इस पूरे खेल का भंडाफोड़ कर दिया. एफआईआर के मुताबिक, एक पूर्व छात्रा, जिसने इसी साल दक्षिण दिल्ली स्थित संस्थान से पढ़ाई पूरी की थी, ने 28 जुलाई को विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखा था.  ये पत्र 31 जुलाई को रिसीव हुआ.इसमें आरोप लगाया गया कि चैतन्यनंद छात्राओं से छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न कर रहे थे.

इसके तुरंत बाद भारतीय वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन का 1 अगस्त को ईमेल आया, जिसमें कहा गया कि उन्हें भी कई छात्राओं से शिकायतें मिली हैं.इनमें आरोप था कि स्वामी लड़कियों को देर रात व्हाट्सएप मेसेज भेजते हैं और मनमाने और बदले की भावना भरे फैसले लेते हैं.दरअसल कई पीड़ित लड़कियों के घरवालों एयरफोर्स में हैं. इन दोनों शिकायतों के बाद ही 3 अगस्त को संस्थान की गवर्निंग काउंसिल ने 30 से ज्यादा छात्राओं के साथ वर्चुअल बैठक की.

एफआईआर में क्या कुछ लिखा है

पुलिस ने अब तक 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए हैं .इनमें से ज्यादातर गरीब तबके  या फौजी परिवारों से आती. उनकी आर्थिक और पारिवारिक स्थिति कमजोर है, इसलिए वे मजबूरी में चुप रहीं. चैतन्यनंद और उनके सहयोगियों ने छात्राओं के एजुकेशन से जुड़े सर्टिफिकेट भी अपने कब्जे में ले लिए, जिससे उनकी पढ़ाई और करियर दांव पर लग गया.

इस वजह से कई छात्राएं हो सकता है शारीरिक शोषण की शिकार भी हुई हों, लेकिन सामाजिक दबाव और करियर खराब होने के डर से सामने नहीं आ रही हैं.एक 21 साल की स्कॉलरशिप पर पढ़ रही छात्रा ने बताया अपने बयान में बताया किपहली मुलाकात में ही उन्होंने मुझे अजीब नजरों से देखा और हतोत्साहित किया.

चोट लगने पर मैंने मेडिकल रिकॉर्ड शेयर किए तो उसके बाद वे रात को मैसेज करने लगे  बेबी, आई लव यू आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो.जवाब न देने पर वे पुराने मैसेज टैग करके रिप्लाई करने को मजबूर करते.मैंने एसोसिएट डीन को बताया तो उन्होंने कहा हेड हैं, जवाब देना ही पड़ेगा.

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छात्रा ने आरोप लगाया कि जब उसने विरोध किया तो उसकी अटेंडेंस और मार्क्स घटा दिए गए.मार्च 2025 में स्वामी ने नई कार की पूजा के लिए कुछ छात्राओं को ऋषिकेश ले जाया. वापसी में उन्होंने लड़कियों पर अश्लील कमेट किए.लौटने पर महिला स्टाफ ने उसे चैतन्यनंद के साथ हुए चैट डिलीट करने के लिए मजबूर किया.

होली के बाद स्वामी ने उसे ऑफिस बुलाकर बेबी कहा और मोबाइल से वीडियो बनाकर उसे व्हाट्सएप पर भेज दिया.
जून 2025 में कमर्शियल यात्रा पर 35 लड़कियों को ऋषिकेश ले जाया गया. छात्रा के अनुसार, स्वामी रात को लड़कियों को बुलाते थे. विरोध करने पर मुझे पहले और तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा देने नहीं दी गई. मेरे सारे असली सर्टिफिकेट संस्थान ने रोक रखे हैं.

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