- विपक्ष ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है
- जस्टिस रेड्डी का नाम विपक्ष के गैर-राजनीतिक और सर्वमान्य चेहरे की रणनीति का परिणाम है
- विपक्ष ने दक्षिण भारत से उम्मीदवार लाने की डीएमके की मांग को पूरा किया है
उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर रोचक मुकाबले की संभावना है. जहां एनडीए ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है, वहीं विपक्ष ने भी बड़ा दांव खेलते हुए अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है. लंबे मंथन और कई दौर की बैठकों के बाद विपक्ष की रणनीति इस बार साफ नज़र आ रही है. ऐसा उम्मीदवार जो राजनीति से नहीं बल्कि समाज और न्यायपालिका से जुड़ा हो, जिसकी छवि बेदाग हो और जिसे पूरे विपक्ष का चेहरा कहा जा सके. यही कारण है कि विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रेड्डी का नाम आगे बढ़ाया है.
विपक्ष की रणनीति एनडीए के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकती है. दरअसल, दक्षिण भारत से उम्मीदवार लाना डीएमके की मांग थी, गैर-राजनीतिक नाम टीएमसी की सोच थी, और कांग्रेस सहित सभी दल चाहते थे कि उम्मीदवार सर्वमान्य चेहरा हो. ऐसे में जस्टिस रेड्डी के नाम पर विपक्ष की सहमति बनी.
विपक्षी ने क्यों बनाया उम्मीदवार?
- विपक्ष की रणनीति है कि गैर-राजनीतिक और उच्च साख वाले चेहरे को मैदान में उतारा जाए. इस सिलसिले में जस्टिस रेड्डी का नाम पर सहमति बनी.
- एनडीए ने द्रविड़ दलों (DMK आदि) को दुविधा में डालने की कोशिश की, वैसे ही अब जस्टिस रेड्डी का नाम आने से TDP, YSRCP और BRS को पुनर्विचार करना होगा कि वे समर्थन करें या नहीं.
- विपक्षी खेमे का कहना है उनके पास संघ से जुड़ा चेहरा है, हमारे पास सुप्रीम कोर्ट से आया चेहरा है.
- DMK की मांग थी कि दक्षिण भारत से उम्मीदवार हो जिसे पूरा किया गया.
- TMC की मांग थी कि गैर-राजनीतिक चेहरा हो जिसे भी बी सुदर्शन पूरा करते हैं.
- सूत्रों के मुताबिक, यह केवल इंडिया ब्लॉक नहीं बल्कि पूरा विपक्षी उम्मीदवार होगा. AAP ने भी इस नाम पर समर्थन जताया है.